भोपाल। माशिमं ने 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के साथ बड़ा क्रूर मजाक किया है। जिस परीक्षा की फीस मात्र 500 रुपए है, उसके लिए लेटफीस 2000 रुपए तय कर दी गई। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले निर्धन छात्र 500 रुपए तक जमा कर नहीं पाते, ऐसे में 2000 रुपए कैसे कर सकेंगे।
माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाओं की सामान्य शुल्क से आवेदन करने की अंतिम तिथि 22 अगस्त निकल गई। जिसमें परीक्षा शुल्क कक्षा 10वी व 12की मात्र 500 थी। उक्त फीस की गरीब व किसान आदिवासी परिवार के विद्यार्थी व्यवस्था कर पाते उस के पहले ही शिक्षा मण्डल ने लेट फीस के नाम पर फीस बडा कर 2000 रूपये व शुल्क 500 रुपये कर दी।
उक्त विषय पर अध्यापक मोर्चे के संरक्षक मनोज मराठे ने बताया की यदि अब किसी को आवेदन करना हो तो 2000 रु. अतिरिक्त शुल्क के साथ 30 सितम्बर तक आवेदन कर सकते हैं। मेरी समझ में एक बात नहीं आ रही है कि सरकार एक ओर तो शिक्षा बढ़ाने के लिए बहुत प्रचार प्रसार करती है वहीँ दूसरी ओर इतना अधिक शुल्क रख कर बहुत सारे गरीब बच्चों को अपनी शिक्षा वृद्धि से दूर रखना चाहती है।
प्रदेश में ऐसे बहुत सारे बच्चें है जो सामान्य शुल्क की तिथि तक निर्धारित राशि एकत्रित नहीं कर सकते हैं। अतः सरकार को विलम्ब शुल्क की राशि बहुत कम करना चाहिए ताकि गरीब छात्र अपनी शिक्षा में वृद्धि कर सके। श्री मराठे ने आगे बताया की मंजदूरी व खेती मे काम करने व ग्रामीण परीवार के लोग ही अधिकाश बच्चों को प्राइवेट परीक्षा मे बिठाते है।