भोपाल। 21वीं सदी में यदि कहीं एतिहासिक निर्माण कार्य किए जा रहे हैं तो वह है दुबई। यहां समुद्र के बीच में एक शहर बसाया गया है। इसे 'पाम जुमेराह' के नाम से पुकारा जाता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस शहर की नींव में मप्र के छतरपुर जिले की खदानों से निकले पत्थर लगे हैं। यदि ये पत्थर ना होते तो 21वीं सदी में बनाया गया यह आइलेंड समुद्र में टिक नहीं पाता।
दुबई के समुद्र में बने इस आइलैंड को बनाने के लिए छतरपुर से पत्थर ले जाए गए और यह काम सालों तक चला। इन पत्थरों को गुजरात से पानी के जहाजों में भरकर दुबई तक पहुंचाया गया। छतरपुर से गुजरात के पोर्ट पर पहुंचने में एक पत्थर को करीब 40 दिन लग जाते थे।
बताया जाता है कि दुबई में जब इस ड्रीम प्रोजेक्ट के काम की प्लानिंग शुरू हुई तो ऐसे पत्थरों की जरूरत थी जो समुद्र के अंदर पानी के बहाव में बहे नहीं और एक जगह स्थिर रहें। तब आर्किटेक्चर ने पूरे विश्व में इस तरह के पत्थर तलाश किए। और इनके सैंपल दुबई मंगाए गए। पत्थरों को एक खास आकार का होना चाहिए था। सैंपल में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की पत्थर खदानों के सैंपल पास हुए। इसके बाद इन पत्थरों को एक विशेष आकार में काट कर गुजरात के रास्ते समुद्री जहाज से दुबई भेजा गया। 20 से 30 फीट के आकार के ये पत्थर 30 से 40 टन के थे।
- पानी में बने इस आइलेंड की खासियत
- पाम जुमेराह 5 किलोमीटर लंबा और 5 किलोमीटर चौड़ा है। जो कि 800 फुटबॉल मैदान के बराबर है।
- इसकी नींव में सिर्फ मिट्टी और पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। किसी तरह के स्टील और सीमेंंट का यूज नहीं किया गया।
- ये पेड़ की आकृति में बना है।
- इस आइलैंड में शाहरुख खान सहित कई बड़ी हस्तियों के घर हैं।
