उज्जैन के बाद ओरछा में भी भाजपा नेता ने तोड़ी मंदिर की परंपरा

ओरछा। रामराजा मंदिर में फ़ोटोग्राफी करना परंपरागत रूप से निषिद्ध है। चूंकि यह एक प्राचीन मंदिर है और भारत की बहुमूल्य धरोहरों में शामिल है अत: फ़ोटोग्राफी प्रतिबंधित है। यह भारत का अकेला ऐसा मंदिर है जहां रामराजा सरकार को राष्ट्राध्यक्ष का दर्जा प्राप्त है और तिरंगे की सलामी होती है, लेकिन भाजपाईयों की दबंगी यहां भी दिखाई दी। 

12 अगस्त को निकाय चुनाव में भाजपा की जीत के लिए प्रार्थना करने भाजपाई मंदिर में एकत्रित हुए और 51 हनुमान चालीसा के पाठ किये। यहाँ तक तो कुछ भी गलत नहीं था पर उस कार्यक्रम की मंदिर के अंदर फ़ोटोग्राफी की गयी और बाद में उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया। 

कुल मिलाकर भाजपाईयों ने एक तरफ कानून तोड़ा तो दूसरी ओर मंदिर की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई। जिस मंदिर में विजयीश्री के लिए प्रार्थना की, उसी की परंपराओं को तोड़कर अपमान भी किया।

सुमित ओरछा: प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजयुमो की प्रतिक्रिया

मित्रो नमस्कार
ओरछा श्री रामराजा सरकार की नगरी है और यहां के श्री राम दरबार की झांकी के फ़ोटो न बिकें या बाजार में आएं इसलिए व्यवस्था बनायीं गयी है की मंदिर में कोई कैमरा न ले जाए। मोबाइल ले जाने में कोई प्रतिबन्ध नहीं है।

एवं भगवान् के गर्भ गृह और दरवार की फ़ोटो खींचना भी प्रतिबंधित है लेकिन पिछले कुछ समय से मंदिर प्रबंधन द्वारा भगवान् के दर्शन मेलाओं के अवसर पर बाहर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से करवाये जाने लगे है जहां सभी ने गर्भगृह के फ़ोटो भी खींचे है और तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की गयीै

हम लोगों ने मंदिर एक साधना कक्ष में बैठकर पूजा पाठ किया था जहाँ कुछ कार्यकर्ताओं ने फ़ोटो खींचे जिसमें सिर्फ कार्यकर्ता दिखाई दे रहें हैं और मंदिर की 4-5 फ़ीट दीवाल!

अब इनको कौन समझाए की गर्भ गृह की फ़ोटो लेना मना है न की दीवालों की। फिर भी यदि कोई अपराध हुआ है जो मैं कार्यक्रम प्रभारी होने के नाते उसकी नैतिक जिम्मेवारी लेने हेतु तैयार हूँ।
लश्कर भी तुम्हारा है.. सरदार तुम्हारा है
तुम झूठ को सच लिखदो.. अखबार तुम्हारा है

सुमित ओरछा
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजयुमो
पार्षद नगर परिषद् ओरछा

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