भोपाल। वीआईपी किराया वसूलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रियों को सड़े टमाटरों का सूप एवं बासी सब्जियां परोसी जातीं है। पनीर भी ताजा नहीं होता। इसका खुलासा ग्वालियर में हुई एक छापामार कार्रवाई के दौरान हुआ।
ग्वालियर में दोपहर करीब 1 बजे खाद्य विभाग की टीम नगर निगम के स्वास्थ्य अमले को लेकर कांति नगर स्थित एसके ट्रेडर्स की बेस किचन पर पहुंची। एसके ट्रेडर्स के पास शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रियों के लिए खाना सप्लाई करने का ठेका है और बेस किचन में ही खाना तैयार होता है। दोपहर में जब टीम वहां पहुंची तो किचन में घुसते ही काफी दुर्गन्ध आ रही थी। चूल्हे पर सूप बनाने की तैयारी चल रही थी।
जब इसकी जांच की तो सड़े प्याज-टमाटर उबालकर सूप बनाया जा रहा था। भोपाल से नई दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में शाम को यात्रियों को वेज डिनर परोसा जाना था, इसके लिए पनीर की सब्जी तैयार करनी थी। इसके लिए ग्रेवी पहले से ही तैयार थी। फ्रिज में से पनीर निकाला तो वह बदबू मार रहा था। फ्राय चावल रखे हुए थे, जो डिनर में परोसे जाने थे। यह गड़बड़ी मिलते ही तुरंत ग्रेवी, चावल, सड़े प्याज-टमाटर नष्ट करवाए गए। दाल, मसाले, ग्रेवी,पनीर के सैंपल जांच के लिए ले लिए गए।
कच्ची और बासी रोटियां:
खाद्य विभाग की टीम जब किचन की जांच कर रही थी तो एक डिब्बे में रोटियां रखी हुई थीं। ये रोटियां कच्ची और बासी थी।
मसालों पर बैचमार्क ही नहीं था। इस पर खाद्य विभाग की टीम ने आपत्ति जताई।
ये मिली थी शिकायतें
ग्वालियर के व्यापारी शताब्दी एक्सप्रेस से नई दिल्ली जा रहे थे। इनके वेज डिनर में चिकन पीस निकला था। इसके बाद सभी यात्रियों ने खाना वापस कर दिया था।
इसके बाद ग्वालियर के अनिल भार्गव को जो सैंडविच दिया गया, उसमें काला कीड़ा निकला।
रविवार को शताब्दी एक्सप्रेस के डिनर में बदबूदार दही, पनीर की जगह मैदे के टुकड़े वाली सब्जी परोसी गई। रोटियां भी कच्ची थीं।
