भोपाल। मध्यप्रदेश में जल्द ही सभी सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थी यूनिफार्म में नजर आएंगे। दरअसल, राज्य सरकार द्वारा सभी सरकारी महाविद्यालयों में ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी कर ली गई है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करके मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। मंजूरी मिलते ही प्रदेश में इस पर अमल शुरू कर दिया जाएगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी का कहना है कि मध्यप्रदेश के सभी सरकारी कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू होने के बहुत फायदे हैं।
उन्होंने बताया कि इससे एक ओर जहां विद्यार्थी बंग मारकर बाहर घूमने से बचेंगे। अभी बिना यूनिफार्म के कहीं भी आ-जा सकते हैं, लेकिन यूनिफॉर्म में होने से बाहर घूमने पर उनकी पहचान हो सकेगी। वहीं, बाहरी असामाजिक तत्व कालेज में नहीं आ सकेंगे। इसके अलावा भी ड्रेस कोड के कई सारे फायदे हैं। इसीलिए मध्यप्रदेश सरकार यह कदम उठाने जा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छात्र-छात्राओं के कॉलेज से बंक मारने और परिवार एवं कॉलेज की जानकारी के बगैर घूमने की शिकायतें आए दिन आती रहती हैं।
इसीलिए कॉलेज प्रबंधनों से चर्चा करने के बाद सभी की सहमति से यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। हालांकि, कुछ विद्यार्थी इसका विरोध करेंगे, लेकिन यह विद्यार्थियों के हित में ही रहेगा और इससे शिक्षा के प्रति जागरूक विद्यार्थी भी अपनी सहमति जता रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि ड्रेस कोड के अभाव में कॉलेजों से बंग मारने वाले छात्र-छात्रा के साथ कोई अनहोनी होने पर सारा दोष कॉलेज प्रबंधन पर मढ़ा जाता है और विभाग को सफाई देनी पड़ती है।
ड्रेस कोड व्यवस्था लागू होने के बाद इस समस्या से निजात मिलेगी। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने बताया कि सरकारी कॉलेजों में पढ़ाई का स्तर बढ़ाने तथा विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए ड्रेस कोड लागू करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। राजधानी भोपाल, इंदौर समेत प्रदेशभर के दो दर्जन से अधिक कॉलेज प्रबंधन से इस संबंध में सलाह भी ली गई है और वे ड्रेस कोड के पक्ष में हैं। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव से प्रारंभिक तौर पर मुख्यमंत्री भी सहमत हैं और जल्द ही इसे मंजूरी मिल सकती है।
