भोपाल। लोकायुक्त के छापे का सामना कर रहे कृषि विभाग के पूर्व डायरेक्टर डॉ. डीएन शर्मा के चिरंजीव भी कम नहीं हैं। उनकी कंपनी ने भी कई गोलमाल कर रखे हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो यह है कि उनकी कंपनी अपने सारे कर्मचारियों को नगद वेतन का भुगतान करती थी और कुछ अधिकारियों का वेतन तो 1 लाख रुपए था। बता दें कि 4999 से ज्यादा वेतन का नगद भुगतान गैर कानूनी होता है।
पिता की सहायता से कुछ सरकारी प्रोजेक्ट हथियाने वाले गगन शर्मा की आईटी कंपनी स्टेप अप इन्फोटेक आयकर विभाग और श्रम विभाग के कई कानूनों का उल्लंघन कर रही थी। कंपनी में कई कर्मचारियों का वेतन एक लाख रुपए तक था। इसके बाद भी सारे कर्मचारियों को वेतन नकद दिया जा रहा था। साथ ही, उनका प्रोविडेंट फंड और पेंशन फंड के लिए कोई पैसा तक नहीं काटा गया। पिछले साल तक एमपी नगर जोन-2 स्थित स्टेप अप इन्फोटेक में कर्मचारियों की संख्या 20 थी। इन सभी को नकद में ही वेतन दिया जा रहा था।
पिछले साल जब एक महिला के कुछ महीने का वेतन रुक गया तो उसने नकद में वेतन देने की शिकायत आयकर विभाग से करने की धमकी दी थी। इस कंपनी में अभी काम कर रहे सभी लोगों को छह महीने से वेतन नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि शर्मा कंपनी का ऑफिस शिफ्ट कर रहे हैं।
