जबलपुर। तकरीबन एक दर्जन संगठनों वाली यूनाइटेड फोरम ने साफ कर दिया है कि अब अधिकारों के लिये आर-पार की लड़ाई की जाएगी। 11 सूत्रीय मांगों को सामने रखते हुए फोरम 2 सितम्बर से कामबंद हड़ताल करने जा रहा है। खास बात यह है कि इसमें कार्यालय के अलावा समस्त इंजीनियर्स और लाइन स्टाफ भी शामिल होगा।
मतलब साफ है कि बिजली का पूरा सिस्टम ठप पड़ सकता है। मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलॉइज एवं इंजीनियर्स की आमसभा में एसई सिटी कार्यालय में कर्मचारियों की भीड़ उमड़ पड़ी। शाम तकरीबन साढ़े पांच बजे जैसे ही कर्मचारियों-अधिकारियों की छुट्टी हुई, मेन गेट पर भारी जमघट लग गया। इस दौरान आयोजित सभा को फोरम के पदाधिकारियों ने संबोधित किया। सभा में स्पष्ट कर दिया गया कि सरकार और प्रबंधन की ओर से मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है। आखिरकार फोरम को कामबंद हड़ताल पर जाने के लिये विवश होना पड़ रहा है। सभा को व्हीकेएस परिहार, मनोज त्रिपाठी, अशोक जैन, मुकेश जैन, सुनील कुरेले, अर्जुन यादव, केके पैगवार, अनूप वर्मा, हरेन्द्र श्रीवास्तव, केएस विश्वकर्मा, सतीश श्रीवास्तव, विनोद गर्ग, मनोज गुप्ता, दिनेश दुबे ने संबाेधित किया। समापान पर आभार प्रदर्शन एसके मौर्या ने किया।
ऐसी है डिमांड
पेंशन ट्रस्ट में राशि जमा करने या सरकार की गारंटी।
पावर हाउसों को बेचने का विरोध।
तीसरा उच्च वेतनमान।
बिना शर्त के अनुकम्पा नियुक्ति।
वर्षों से पदोन्नति से वंचितों को पदोन्नति।
संविदा ठेका प्रथा बंद कर नियमित नियुक्ति।
50 या 25 प्रतिशत विद्युत छूट को जारी रखना।
सुरक्षा की गारंटी।
डाईंग कैडर काे समाप्त करना।
फ्रिंज बैनिफिट को प्रारंभ करना।
पूरे कंपनी क्षेत्र से समर्थन
पदाधिकारियों का कहना रहा कि संगठन को सागर, रीवा, बिरसिंहपुर, चचाई, सिवनी, छिंदवाड़ा जैसे तकरीबन हर स्थान से समर्थन हासिल हो चुका है। पूरे कंपनी के कर्मचारी एक साथ काम छोड़कर मांगों को पूरा न किए जाने का विरोध करेंगे।
