भोपाल। राजनीति में जब 60 साल के युवा होते हैं तो 22 साल का बच्चा ही कहा जाना चाहिए। हां, तो बात चल रही है 22 साल के उस युवा की जो गुजरात का नया नायक बनकर उभर रहा है। मोदी के केंद्र में जाने के बाद रिक्त हुए स्थान को भरने निकल पड़ा है।
22 साल के हार्दिक पटेल गुजरात ने पिछले एक महीने के दौरान गुजरात की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। उसने सरकार के खिलाफ आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है। पूरे गुजरात में उसे जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है।
मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल सरकार को पटीदारों द्वारा चलाए जा रहे इस आंदोलन से निपटने के लिए बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है। गलियों और सड़कों पर अपनी मांग के पक्ष में उतरे लोग आरक्षण से कम की बात करने को भी तैयार नहीं हैं। राज्य में पटेल समुदाय को बीजेपी के प्रमुख वोट बैंकों में से एक माना जाता है।
मेहसाणा जिले से शुरू हुई पाटीदार आरक्षण की मांग ने सारे गुजरात में आंदोलन का जोर पकड़ा है। एक छोटी सी आग की चिंगारी ने सारे गुजरात में आरक्षण आग फैली है और पाटीदार समाज ने आरक्षण को लेकर सरकार को चुनौती दे दी है।
