जबलपुर। मप्र में मेडिकल कॉलेज और उनके कारोबार का बखान क्या करना। सब जानते हैं एक एक सीट 1-1 करोड़ में बिकती है परंतु क्या आप जानते हैं कि जिस यूनिवर्सिटी की डिग्री इन मेडिकल स्टूडेंट्स को मिलती है वो किराए के कमरे में चलती है।
यूनिवर्सिटी का भवन बनाने 300 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया गया है, लेकिन 6 माह से यह भोपाल में अटका है। बताया जा रहा है कि फंड की स्वीकृति के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को मुख्य सचिव के फाइल भेजना है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई समय तय ही नहीं होने से मामला लंबित है। स्थिति यह है कि फॉरेंसिक विभाग के भवन में चल रही मेडिकल यूनिवर्सिटी में स्टॉफ के बैठने तक के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यूनिवर्सिटी चलाने के लिए जल्द से जल्द भवन निर्माण की आवश्यकता है। इसके बिना 300 कॉलेजों की परीक्षाएं लेना और उनका वैल्यूएशन कराने में काफी समस्याएं आएंगी।
