जबलपुर। शहपुरा वेयर हाउस प्रबंधक रहे सुरेन्द्र शाक्य के सुसाइड नोट को पुलिस दबा रही है। पिछले दिनों खाद्य मंत्री आए और इस मामले को लेकर उनका मौन रहना कई सवाल खड़े कर रहा है। एसआईटी जांच में लीपापोती कर रही है। मामले में शहपुरा टीआई की भूमिका भी संदिग्ध है। यह आरोप पूर्व विधायक बाबू सोबरन सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान लगाए। उन्होंने सुरेन्द्र शाक्य एवं प्रबंधक एसएस तोमर की संदिग्ध मौत की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने मांग की।
मिल रही थी जान से मारने की धमकी
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश यादव ने कहा कि सुरेन्द्र शाक्य वेयर हाउस में धान घोटाले की जांच करने गए थे। उन्होंने गड़बड़ी की शिकायत शहपुरा थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने जब कोई कार्रवाई नहीं की तब उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ भोपाल जाकर खाद्य मंत्री विजय शाह से शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने साफ लिखा था कि स्थानीय रसूखदारों के द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इसके बाद भी पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
सुरेन्द्र शाक्य का बिसरा प्रिजर्व क्यों नहीं किया।
सुसाइड नोट सार्वजनिक क्यों नहीं किया।
सुरेन्द्र शाक्य के बेटे नितिन का कहना है कि उसे भी जान का खतरा है।
खाद्य मंत्री विजय शाह का मामले में चुप्पी साधना शंका का विषय है।
धान घोटाले में लिप्त संबंधित अधिकारियों एवं अन्य लोगों की जांच कराई जाए।
