उज्जैन। भाजपाई तो अब स्वयंभू भगवान हो गए हैं। श्रावण के सोमवार को भगवान महाकाल की आराधना करने के बजाए अपमान कर रहे हैं। पहले सोमवार उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव ने 200 साल पुरानी परंपरा तोड़ी थी, दूसरे सोमवार इंदौर के नगर अध्यक्ष गोलू शुक्ला ने भी वही सबकुछ दोहराया। आश्चर्यजनक तो यह है कि पिछली बार भी कैलाश विजयवर्गीय नंदीहॉल में थे और इस बार भी वो बाहर नंदीहॉल से ही आरती करते रहे।
भगवान महाकाल की भस्मारती के समय 200 साल पुरानी परंपरा है कि गर्भगृह में सिर्फ पुजारी ही भीतर जा सकते हैं लेकिन भाजपाई बार बार इस परंपरा को तोड़ रहे हैं। इस बारे में महाकाल मंदिर प्रशासक आरपी तिवारी बोले हमने परंपरा का पालन करने का निवेदन किया था। कोई नहीं सुन रहा है तो क्या करें?
महाकाल मंदिर में पिछले सोमवार को भी भस्मारती के समय परंपरा तार-तार हुई थी। उस समय भाजपा नेता और उज्जैन दक्षिण विधायक मोहन यादव गर्भगृह में घुस गए थे। इस पर पुजारियों सहित शहर के प्रबुद्धजनों ने गंभीर नाराजी जताई और मामला सुर्खियों में आया तो मंदिर प्रशासन ने दावा किया था कि आगे से ऐसा नहीं होगा।
हालांकि सत्ता के रसूख के आगे अफसरों के दावे हवा हो गए। सोमवार तड़के बाणेश्वरी कावड़ यात्रा लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा के इंदौर के नगर अध्यक्ष गोलू शुक्ला मंदिर पहुंचे थे। जल चढ़ाने के बाद शुक्ला गर्भगृह से बाहर नहीं निकले और आरती के दौरान पूरे समय गर्भगृह में जमे रहे।
अफसरों का दावा है कि उनसे बाहर जाने को कहा था, मगर वे नहीं निकले। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला भी आरती में शामिल हुए। खास बात यह है कि पिछली बार जब भाजपा विधायक ने परंपरा तोड़ी थी, उस समय भी विजयवर्गीय आरती में शामिल थे। हालांकि दोनों बार वे नंदीहॉल में ही रहे थे।