भोपाल। होशंगाबाद रोड से किडनेप हुआ 11 वर्षीय निशांत झोपे गैरतगंज गढ़ी के जंगलों में लावारिस घूमता हुआ मिला। निशांत को शासकीय स्कूल के एक शिक्षक मोहन इमने ने सबसे पहले पहचाना और पुलिस को सूचना दी। यदि मोहन सूझबूझ का उपयोग नहीं करते तो जंगल में अनहोनी भी हो सकती थी।
जंगल में एक मासूम को सहमा देखकर शिक्षक मोहन इमने भी उसके पास रूकते हुए पूछा कि जंगल में कैसे आए। डरा हुए मासूम ने कुछ नहीं बोला लेकिन शिक्षक को बच्चों से बात करने का तरीका मालूम था। कुछ देर शिक्षक रूका और फिर पूछा कि बेटा क्या हुआ में भी शिक्षक हूं तुम्हारे जैसे अच्छे बच्चों को स्कूल में पढ़ता हूं।
टीचर सुनकर निशांत ने फिर बताया कि वहां भी स्कूल जा रहा था लेकिन बीच रास्ते में ही कार में सवार लोगों ने जबरदस्ती पकड़ लिया और आंखों में काली पट्टी बांध दी। मासूम के द्वारा ऐसा बताया तो शिक्षक समझ गया कि मासूम को अगवा किया गया है। जब शिक्षक ने पूछा यह कौन छोड़ के गया तो उसने बताया कि दो अंकल छोड़ गए है। शिक्षक मासूम के पास ही रूका और उसने पुलिस का सूचना दी।