भोपाल। आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई के दौरान डॉक्टर दंपती डॉ. विराज जायसवाल व डॉ. एके जायसवाल के मेयो हॉस्पिटल, कॉलेज और टेस्ट ट्यूब सेंटर से ढाई करोड़ की काली कमाई स्वीकार कर ली गई है। अभी जांच जारी है।
सूत्रों ने बताया कि डॉक्टर दंपती के हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की विजिट पर नगद राशि का भुगतान किया गया, जिसका जिक्र बुक्स में नहीं है। इसके अलावा कागजों में काफी कमियां भी मिली। पूछताछ के बाद डॉक्टर दंपती ने ढाई करोड़ रुपए से अधिक राशि सरेंडर की है।
इसके अलावा बिल्डर फर्मों के यहां ऐसे कागज भी बरामद हुए, जिनके आगे नाम लिखे हैं। साथ ही नाम के सामने 1 करोड़ रुपए से लेकर 12 करोड़ रुपए तक की राशि लिखी है। इस बात का पता लगाया जा रहा है कि यह पैसा किसका है। कुछ ब्रीफकेस कंपनियों का भी खुलासा हुआ है।
राधिका समूह ने दो करोड़ से अधिक तथा आरएसआर ने डेढ़ करोड़ रुपए के करीब राशि सरेंडर की। गौरतलब है कि डॉक्टर दंपती व बिल्डर समूहों के दफ्तरों पर मंगलवार दोपहर बाद सर्वे किया गया था, जो बुधवार तक चला। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बरामद दस्तावेजों की जांच के बाद ही वास्तविक कर चोरी का खुलासा होने की संभावना है।
