भोपाल। ‘जिस वैन को अवैध रूप से चलने के आरोप में पकड़ें, उसे छोड़ा न जाए। ऐसी वैनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करें। वैन संचालकों की आंखों में खौफ होना चाहिए कि, जो वैन चला रहे हैं वो अवैध है। भारी जुर्माना किया जाए। पन्ना हादसे को भूलें नहीं, उससे सबक लें। बच्चों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है।’
यह सख्ती बुधवार को कलेक्टर निशांत वरवड़े ने दिखाई। राजधानी के स्कूलों में संचालित हो रहे वाहनों पर लगाम लगाने के लिए कलेक्टर कार्यालय में बुधवार को स्कूल बस नियंत्रण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में स्कूल बसों का किराया निर्धारित करने के संबंध में भी चर्चा हुई।
कलेक्टर ने आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों से सवाल किया कि कितनी वैनों के खिलाफ कार्रवाई की। इस पर आरटीओ विपिनकांत मिश्रा ने बताया कि अब तक 166 वैनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमें से 66 का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया गया है। इस पर कलेक्टर ने बाकी 100 वैनों को महज कार्रवाई कर छोड़े जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जिस वैन को पकड़ें, उसे छोड़ा न जाए। पन्ना हादसे का जिक्र करते हुए कलेक्टर ने कहा कि हादसे के वक्त बस का टायर घिसा हुआ था। बस की कंडीशन ठीक नहीं थी। इसलिए हादसा हुआ।
शहर में कई वैन हादसे हो चुके हैं। हम लोग हर बार भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं कि सबकुछ सलामत है। लेकिन मासूम बच्चों को इस तरह से भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। वैन संचालकों ने तय समय सीमा में फिटनेस नहीं कराई। इसलिए उन्हें अब और मोहलत नहीं दी जा सकती है।
