सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने कहा है कि धार्मिक त्यौहार किसी छुट्टी का आधार नहीं हो सकता है। मुख्य जस्टिस एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज में निर्माण कार्य की जांच के संबंध में यह टिप्पणी की। मेडिकल कॉलेज से संबंधित मामले में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्तों का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से कहाकि राखी और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों के दौरान भी जांच की जाए। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने दलील दी थी कि इन दोनों त्योहारों का यूपी में धार्मिक महत्व है। इससे जांच में परेशानी होगी। इस पर जस्टिस दत्तू ने धार्मिक त्योहारों के बावजूद 20 सितंबर तक जांच पूरी करने को कहा है।
गौरतलब है कि उन्होंने न्यायाधीशों की कांफ्रेंस के दौरान भी ऐसा ही रूख अपनाया था और जस्टिस कुरियन की आपत्ति के बावजूद इसका आयोजन किया था। पीठ में जस्टिस कुरियन जोसेफ भी शामिल थे। कुरियन ने पांच महीने पहले अप्रेल में गुड फ्राइडे के मौके पर मुख्य न्यायाधीशों की कांफ्रेंस बुलाए जाने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ऎसे आयोजन दिवाली, होली या ईद के मौके पर तो नहीं किए जाते हैं। यह कांफ्रेंस चीफ जस्टिस एचएल दत्तू ने बुलाई थी।