इंदौर। पुरोहित बनने की शिक्षा-दीक्षा ले रहे एक युवक ने मंदिर में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। युवक ने मरने से पहले अपने हाथ पर मेहंदी से सुसाइड नोट लिखा है। युवक ने अपनी मौत के लिए मंदिर के पुजारी को दोषी बताया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हाथ पर मेहंदी से सुसाइड नोट लिखकर खुदकुशी करने का ये पहला ही मामला है।
"मेरी मौत का जिम्मेदार गोपालदास महाराज है कौन जीना नहीं चाहता पर मुझे जीने नहीं देते (न्याय)"
ये उस सुसाइड नोट के अंश है, जिसे मेहंदी से अपने हाथ पर लिखने के बाद 21 वर्षीय गजेंद्र शर्मा ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
बड़ा गणपति मंदिर के पीछे बने राम मंदिर के आश्रम में महंत गोपालदास के पास कई प्रशिक्षु पंडित रहकर पूजा पाठ सिख रहे है। 21 वर्षीय गजेन्द्र शर्मा लगभग साल भर पहले नरसिंहपुर स्थित अपने गांव से इंदौर आया था। गजेन्द्र लाल मंदिर में रहकर पुरोहित कर्म की शिक्षा-दीक्षा ले रहा था। मंगलवार की सुबह जब लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे तो उन्हें गजेन्द्र का शव लटका हुआ नज़र आया। इस पर लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
मृतक गजेन्द्र के भाई का कहना है की गजेन्द्र पिछले एक साल से आश्रम में ही रहता था। वो जीना चाहता था लेकिन शायद महंत की प्रताड़ना वो झेल नहीं पाया और उसने आत्महत्या कर ली।
वहीं इस मामले में आश्रम के महंत का कहना है की आश्रम में कई युवक दीक्षा ले रहे है और पूजा पाठ का काम करते हैं। दो दिन पहले आश्रम के ही युवक का मोबाइल चोरी हुआ था जो मृतक के पास मिला था, शायद इसी ग्लानि की वजह से उसने आत्महत्या कर ली।
मल्हारगंज पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। युवक के हाथ पर लिखे सुसाइड नोट को ही आधार बनाकर पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है। वहीं पोस्टमार्टम के बाद गजेन्द्र के शव को परिजनों को सौप दिया।