भोपाल। मप्र सरकार के मंत्रीगण लगातार अपनी संपत्ति का ब्यौरा छुपाते चले आ रहे हैं और जिक्र-ए-खास यह है कि भारत के एकमेव गंगा से पवित्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनसे ब्यौरा सार्वजनिक करने का आग्रह भी नहीं कर रहे हैं। ये सबकुछ उस समय हो रहा है जबकि मध्य प्रदेश में मंत्रियों के नौकरों के यहां से करोड़ों की काली कमाई मिल रही है। यह जानकर आप और भी चौंक जाएंगे कि बात बात पर छाती पीटने वाली कांग्रेस भी इस मामले में मौन है।
याद दिला दें कि मध्यप्रदेश सरकार ने 2010 में निर्णय लेते हुए मंत्रियों एवं अधिकारियों की संपत्तियों का ब्यौरा सार्वजनिक करने का फैसला किया था। जिसके अंतर्गत विधानसभा सत्र के दौरान मंत्रियों का ब्यौरा सदन के पटल पर रखा जाना था और अखिल भारतीय सेवा के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की संपत्तियों का ब्यौरा वेबसाइट पर जारी किया जाना था।
ढोल पीट पीटकर बताया गया था कि मप्र ऐसा करने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है, लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में अभी तक ऐसा करने की जहमत शिवराज के किसी भी मंत्री ने नहीं उठाई है।