बेटे ने पहले पिता को फांसी दी, फिर खुद झूल गया

ग्वालियर। यहां एक अजीब आत्महत्या कांड हुआ है। अजीब इसलिए क्योंकि पिता और पुत्र दोनों ने एक ही फंदे पर झूलकर आत्महत्या की। पहले पिता ने अपनी नस काटी और फांसी पर झूल गया। बेटे ने उनकी मदद की। बाद में पिता की लाश नीचे उतारी, सलीके से सजाई और फिर खुद उसी फंदे पर झूल गया।

घटना जगताप की गोठ थाना माधवगंज जिला ग्वालियर मप्र की है। पुलिस को मौके से पिता वासुदेव का सुसाइड नोट मिला है। इसमें वासुदेव ने आत्महत्या के लिए दूसरी पत्नी अंंजू को जिम्मेदार ठहराया है। बेटे ने किन कारणों से आत्महत्या की यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

जगताप की गोठ में रहने वाले वासुदेव सचदेवा व उसके पुत्र जीतू सचदेवा के फांसी लगाकर खुदकुशी करने की सूचना माधवगंज थाना पुलिस को शुक्रवार की सुबह 11.30 बजे के लगभग मिली। पिता-पुत्र के फांसी लगाने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई।

इस हालत में मिले पिता-पुत्र के शव
घटना की सूचना मिलते ही वासुदेव सचदेवा के घर पहुंची पुलिस को लोहे के जंगले से फांसी पर 22 साल के बेटे जीतू का शव लटका हुआ मिला। जीतू केवल चड्डी बनियान पहने हुए था। शव के ठीक पीछे 2 टंकियों पर पिता का शव सलीके से रखा हुआ था। मृतक वासुदेव के गर्दन पर लटकने के निशान नजर आ रहे थे और हाथ की नस पर कट का निशान भी साफ नजर आ रहा था। पुलिस का अनुमान है कि पहले वासुदेव ने नस काटकर खुदकुशी करने का प्रयास किया। पुलिस को मौके पर एक खाली डिब्बी भी मिली है। वासुदेव ने जहर खाया है कि नहीं, इसका खुलासा पीएम रिपोर्ट से हो सकेगा।

एक साल पहले की थी दूसरी शादी
शुरुआती जांच के बाद सीएसपी दीपक भार्गव ने बताया कि वासुदेव की पत्नी पदमा का डेढ़ साल पहले निधन हो गया था। पत्नी के निधन के बाद वासुदेव ने समाज की ही अंजू नाम की महिला से शादी कर ली। अंजू के पहले से ही तीन बच्चे थे। शादी के कुुछ महीने बाद ही वासुदेव का दूसरी पत्नी से झगड़ा शुरू हो गया। अंजू ने वासुदेव के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर कर दिया।

लगभग 15 दिन पहले सिंधी समाज की पंचायत ने वासुदेव व अंजू के बीच समझौता कराया। अंजू पौने छह लाख रुपए लेकर तलाक देने के लिए राजी हो गई। दोनों के बीच तलाक हो गया। तभी से वासुदेव डिप्रेशन में था। रिश्तेदारों ने बताया कि वासुदेव पैसों को लेकर काफी कंजूस था। अंजू को पौने छह लाख रुपए उसके बहनोई ने दिए हैं।

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