भोपाल। लोकायुक्त छापे के बाद लाइम लाइट में आ गए पूर्व कृषि संचालक डॉ. डीएन शर्मा के मामले में बीज निगम के प्रबंध संचालक आरके गुप्ता की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी अब उन तमाम शिकायतों की जांच करेगी जो फाइलों में बंद धूल खा रहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक अपने खिलाफ विभाग में होने वाली शिकायतें डॉ.शर्मा रसूख का इस्तेमाल कर दबा दिया करते थे। पिछले डेढ़ साल में ऐसी ही तीन शिकायतों पर विभागीय जांच बैठाई है, तो चार मामलों में आरोप पत्र जारी किए हैं। कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति मामले में आरोप पत्र का विधिवत जबाव डॉ.शर्मा ने विभाग को नहीं दिया है।
लोकायुक्त छापे से हुई विभाग की किरकिरी के बाद तय हुआ कि लंबित शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई की जाए। शिकायतें तथ्यात्मक हैं तो कार्रवाई प्रस्तावित करें वरना उन्हें नस्तीबद्ध किए जाएं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश शिकायतें केन्द्र सरकार की योजनाओं में करोड़ों के गोलमाल और खरीदी से जुड़ी हैं। कमेटी दस्तावेजों की पड़ताल कर संबंधित अधिकारियों से पूछताछ करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रमुख सचिव कृषि को सौंपेगी।
प्रमुख सचिव कृषि डॉ.राजेश कुमार राजौरा ने बताया कि बीज निगम के प्रबंध संचालक की अध्यक्षता में कृषि संचालक मोहनलाल मीणा, वित्तीय सलाहकार डीएस हाडा सहित एक अन्य अधिकारी की कमेटी शिकायतों की जांच के लिए बनाई है।
- प्रमुख शिकायतें
- 2011-12 फर्नीचर खरीदी में 5.80 करोड़ का घोटाला।
- 2008-13 में फर्जी किसान ट्रेनिंग।
- 2007-8 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में 1000 संविदा नियुक्तियों में आरक्षण का पालन नहीं करना।
- फर्जी पीएचडी हासिल कर दो वेतनवृद्धि प्राप्त किए।
- 2012-13 में 125 करोड़ के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की राशि में गोलमाल।
- बलराम तालाब योजना में 2008-13 में गड़बड़ियां।
- 10 करोड़ की नकली दवा खरीदी।
- बीज और खाद लायसेंस में घोटाला।
- पदोन्नति में अनियमितता।