भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक इंटरव्यू के दौरान बड़ा ही डिप्लोमेटिक उत्तर दिया है। उन्होंने कहा कि ' मैं राजनीति में ईमानदारी को अपना मंत्र मानते हूं। मैने कभी कुछ गलत नहीं किया है, चाहे वह बहुचर्चित व्यापमं घोटाला ही क्यों न हो। यहां याद दिला दें कि शिवराज के नजदीकियों पर भ्रष्टाचार के मामलों में कई कार्रवाईयां हुईं हैं।
चौहान ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘मैं अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाता हूं। चाहे जो भी हो जाए, मैं ईमानदारी पर कायम रहा हूं। लोकतंत्र में मुख्यमंत्री जनता का सेवक होता है। मैं इस मूल सिद्धांत पर पूरी शिद्दत से अमल करता हूं।’ चौहान आगामी 29 नवंबर को राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दस साल पूरे करने वाले हैं और इस तरह वह दिग्विजय सिंह के लगातार दस साल मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री रहने के कीर्तिमान की बराबरी करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘व्यापमं घोटाले को लेकर कांग्रेस द्वारा निहित राजनीतिक स्वार्थवश देश विदेश में मध्यप्रदेश की गई बदनामी से मैं बेहद आहत हूं। मुझे तब राहत मिलेगी, जब शांति का टापू कहलाए जाने वाला मध्यप्रदेश, व्यापमं घोटाले के दाग से साफ-सुथरा निकल कर सामने आएगा। मुझे पता है कि सीबीआई की जांच पूरी होने पर ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो जाएगा।’
