भोपाल। प्रदेश कांग्रेस जल्द ही एक दर्जन जिलों के अध्यक्षों को बदलने की तैयारी कर रही है। यहां पर युवाओं को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। इसके साथ ही पार्टी एक नई टीम हर जिले में खड़ी करने के प्रयास में है। जिनकों हटाया जाएगा उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जगह दी जा सकती है।
कांग्रेस ने ऐसे जिला अध्यक्षों की एक सूची बनाई है, जिन्हें वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी में लेना चाह रही है। इन जिला अध्यक्षों को पीसीसी में जगह देने से पहले उनके स्थान पर दूसरे जिला अध्यक्षों को नियुक्त किया जाएगा। इस फेरबदल में जबलपुर, दमोह, राजगढ, ग्वालियर सहित एक दर्जन जिला अध्यक्ष प्रभावित होंगे। इसके अलावा आधा दर्जन जिला अध्यक्षों को निष्क्रियता के चलते हटाया जाएगा।
सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश कांग्रेस ने युवा कांग्रेस से जुड़े रहे पुराने करीब डेढ़ दर्जन लोगों को जिलों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का मन बना लिया है। कुछ जिलों में इन्हीं युवाओं को कमान दी जाएगी, जबकि कुछ को जिला संगठन में महासचिव जैसा महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है। हालांकि अभी इन जिलों में बदलाव करने से पहले प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव को सहमति लेना होगी। दरअसल इन फेरबदल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के प्रभाव वाला जिला राजगढ़ और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाला ग्वालियर को भी शामिल माना जा रहा है। ग्वालियर में एक युवा नेता को जिला महासचिव की जिम्मेदारी दी जा सकती है। जबकि राजगढ़ में जिला अध्यक्ष को बदला जा सकता है, लेकिन ये दोनों तब ही प्रभावित होंगे जब ये दोनों नेता अपनी सहमति देंगे।
झाबुआ-देवास में अरुण यादव की परीक्षा
प्रदेश के 16 नगरनिगमों से बाहर हो चुकी कांग्रेस अब झाबुआ और देवास में पूरा जोर दिखाने के लिए जुट रही है। ये दोनों उपचुनाव अब पीसीसी चीफ अरुण यादव के लिए परीक्षा माने जा रहे हैं। विधानसभा और उसके बाद लोकसभा में अपनी सीटें गंवा चुकी कांग्रेस के लिए ये दोनों सीटें महत्वपूर्ण हैं।
