भोपाल। जब जब कोई आतंकी हमला होता है तो आरोपी के नाम से ज्यादा बदनाम होता है मुसलमान, लेकिन हम यहां एक ऐसे मुसलमान की कहानी सुना रहे हैं जिसका ईमान आज भी जिंदा है। सफेदपोश लोग जब काली कमाई में जुटे हुए हैं, रिक्शा चलाने वाले इस मुसलमान से सड़क पर मिला नोटों से भरा बैग लौटा दिया। इसके लिए वो 6 घंटे तक इंतजार भी करता रहा, लेकिन एक क्षण के लिए उसका ईमान नहीं डोला।
घटना राजस्थान की राजधानी जयपुर की है। आबिद कुरैशी पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पहुंचा। उसने वहां कहा, "शाम 4 बजे मुझे यह पैसा मिला रास्ते में पड़ा मिला। हम रात के दस बजे तक बैठे रहे कि कोई आएगा, लेकिन कोई नहीं आया तो मैं घर चला गया। अब मैं यहां देने आया हूं यह पैसे। इसे हम कैसे रख लेते, हमें तो वापस देना है।"
आबिद रात में 10 बजे तक वहीं जयपुर के चौरा रास्ता बाजार में बैठा रहा, जहां उसे पैसे मिले थे। उसने सोचा कि शायद जिसने पैसे गिराए हैं वह वहां ढूंढ़ता हुआ आ जाएगा। वह रात में जब घर पहुंचा तो उसकी बीवी अमीना का भी यही कहना था कि पैसे लौटा दो।
पत्रकारों ने जब उक्त दंपती से सवाल किया कि अगर आप पैसे रख लेते तो किसी को पता भी नहीं चलता। आपने ऐसा क्यों किया? तो आबिद की पत्नी अमीना बानो ने कहा, "क्यों रख लेते, हमें तो ऐसा सिखाया ही नहीं है कि हम रख लें। ईमानदारी की तो रोटी और चटनी ही बहुत है हमारे लिए। हम पैसे वापस देना चाहते हैं।"
जयपुर के पुलिस कमिश्नर जंगा श्रीनिवास रो भी आबिद को पैसे लौटाते देखकर हैरत में पड़ गए। भ्रष्टाचार की इस दुनिया में ऐसे लोग तो उनके सामने कम ही आते होंगे। उन्होंने कहा, "यह बहुत अच्छा है। काबिले तारीफ है।"
