ग्वालियर। न्यायालय से भगोड़ा घोषित होने के बाद समर्पण करने वाले टीकमगढ़ के भाजपा विधायक केके श्रीवास्तव की जेल में घुसते ही तबीयत खराब हो गई और उन्हें ग्वालियर रिफर कर दिया गया। सूत्रों का आरोप है कि यह सबकुछ फिक्सिंग के तहत हो रहा है। इस तरह विधायक महोदय अस्पताल में आराम करेंगे और रिकार्ड में जेल दिखाई देगी।
जानिए, पूरा मामला
दरसअल, 20 अगस्त 2014 को विधायक सहित उनके पांच साथियों ने जनपद कार्यालय पहुंचकर सीईओ उदयराज सिंह से मारपीट की थी। इसके बाद उनका अपहरण कर लिया था. मामला दर्ज होने के बाद से विधायक श्रीवास्तव फरार चल रहे थे। जिनकी राजनैतिक रसूख के चलते गिरफ्तारी नही हो पाई थी।
फरियादी सीईओ की सुनवाई पर कोर्ट ने विधायक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, लेकिन पुलिस गिरफ्तार करने में नाकाम रही। शहर के कोतवाली टीआई एमएम शर्मा ने वारंट कोर्ट को वापस कर दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।
जिसके बाद बचने के लिए फरार विधायक श्रीवास्तव ने सीजेएम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। फरारी के दौरान ही विधायक के वकील ने हाईकोर्ट के समक्ष भी अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई, लेकिन वहां भी जस्टिस जीएस सोलंकी की सिंगल बेंच के समक्ष सुनवाई हुई। जिसमें सीईओ की तरफ से वकील मनीष तिवारी ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया था।