लक्ष्मी नारायण शर्मा। सतपुड़ा भवन में लगभग 4 हजार कर्मचारी गन्दा और बदबूदार पानी पीकर बीमार होने को मजबूर है। इस भवन में लोकस्वास्थ यांत्रिक एवं लोक स्वास्थ्य संचालनालय जेसे विभाग भी लगते हे जो पूरे प्रदेश की जनता को शुद्ध पानी देने और बीमारी के इलाज़ की ज़िम्मेदारी लेते हे पर इन्हें ही अपने कर्मचारियों की चिंता नहीं है।
स्वास्थ्य संचालनालय ने जुलाई में एक परिपत्र जारी कर अस्पतालों में आने वाले लोगो को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करने हेतु निर्देश एवम् मार्गदर्शिका जारी की है पर संचालनालय के कर्मचारियों को शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले कुछ महीनो में कर्मचारी टायफाइट एवम् पीलिया बीमारी के शिकार होकर इलाज़ करा रहे है। यह पर जो आरओ लगे हैं वे दिखावटी हैं और ख़राब पड़े है।
अधिकारी अपने लिये मिनरल वाटर मंगवा लेते हैं पर कर्मचारियों की कोई चिंता नहीं है। कर्मचारी दूषित पानी पीकर बीमार पड़ रहे हे तथा उनकी कार्यक्षमता पर बुरा प्रभाब पड़ रहा है। सभी कार्यलयों में शुद्ध पानी की व्यवस्था की जाये। वाटर कूलर तथा आरओ की व्यवस्था की जाये तथा जो वाटर कूलर शौचालयो के पास रखे हैं, उन्हें दूसरी जगह रखा जाये। अधिकारियों के लिये आने वाले मिनरल वाटर को बंद किया जाये या तो फिर सभी अधिकारियो कर्मचारियों के लिए मिनरल वाटर की व्यवस्था की जाये।
लेखक मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रमुख महामंत्री हैं।