भोपाल। मप्र में हुए 1500 करोड़ के धान घोटाले में मंत्री विजय शाह की भूमिका संदिग्ध होती जा रही है। संदिग्ध इसलिए क्योंकि इस मामले में व्हिसल ब्लोअर की संदिग्ध मौत तब हुई जब एक केंद्रिय मंत्री ने मुख्यमंत्री से इस घोटाले के सिलसिले में चर्चा की और मुख्यमंत्री ने फूड मिनिस्टर विजय शाह को डांट लगाई।
घोटाले पर चर्चा से पहले मंत्री विजय शाह और शिवराज सिंह के कनेक्शन पर फोकस करना जरूरी है। ये वही विजय शाह हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी के बारे में अश्लील टिप्पणी की थी। यूं तो मुख्यमंत्री अपनी पत्नी के खिलाफ लगने वाले हर आरोप का तीखा जवाब देते हैं परंतु विजय शाह की अश्लील टिप्पणी के बाद भी उन्हें दोबारा मंत्रीमण्डल में शामिल कर लिया गया।
चलिए, ये तो थी रंगीले शाह की रंगीन कहानियों का एक अंश। अब बात करते हैं धान घोटाले की। सूत्रों का कहना है कि सिवनी जिले में एक केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदार ने वेयर हाउस खोला है, लेकिन धान माफिया के कब्जे में चल रहे कारोबार के कारण उन्हें भंडारण के लिए धान-गेहूं नहीं मिल रहा था। इसी दौरान मंत्री के रिश्तेदार यानी वेयर हाउस संचालक से सुरेंद्र कुमार शाक्य की मुलाकात हुई। शाक्य ने उन्हें सारी असलियत बता दी। साथ ही दस्तावेज भी सौंप दिए।
ये दस्तावेज रिश्तेदार के जरिए केंद्रीय मंत्री तक पहुचे। केंद्रिय मंत्री ने शिवराज से बात की और आपत्ति दर्ज कराई। मुख्यमंत्री ने विजय शाह को व्यक्तिगत रूप से इस घोटाले की मॉनीटरिंग करने के आदेश दिए। बस यहीं से मामला बिगड़ गया। इससे पहले कि विजय शाह सरकारी रिकार्ड में व्हिसल ब्लोअर सुरेन्द्र कुमार शाक्य से मुलाकात करते और शाक्य सारे दस्तावेज मंत्री के रिकार्ड में जमा कराते, उनकी संदिग्ध मौत हो गई।
सवाल यह है कि मामला दिल्ली तक पहुंच चुका है, इसकी जानकारी मुख्यमंत्री और मंत्री विजय शाह के अलावा किसी को नहीं थी, फिर यह जानकारी माफिया तक कैसे पहुंची और सुरेन्द्र कुमार पर ऐसा कौन सा दवाब बनाया गया कि उन्होंने आत्महत्या कर ली।