जबलपुर। मप्र के आरटीओ, वाहन चोर गिरोह और दलालों के गठबंधन से उपजे आरटीओ घोटाले के तार अब बंगाल से भी जुड़ गए हैं। पता चला है कि बंगाल से चोरी की गई गाड़ियों को जालसाजी करके मप्र में रजिस्टर्ड किया गया और फिर बेच दिया गया। अब इस मामले की छानबीन के लिए पुलिस बंगाल जाएगी।
आरटीओ से नहीं आया कोई
पुलिस ने आरटीओ कार्यालय के संबंधित अधिकारियों और दलालों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था लेकिन कोई थाने नहीं पहुंचा। जिसपर अब पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी। इसमें आशंका जताई जा रही है कि कई बड़े लोगों के नाम भी उजागर हो सकते हैं।
आरटीओ ऑफिस और बंगाल से जब्त करेंगे दस्तावेज
सिविल लाइन पुलिस टीम बंगाल के बैरागपुर और आरटीओ ऑफिस से दस्तावेज जब्त करेगी। साथ ही बसें उनके पास कहां से आती है और अब तक कितने वाहनों का फर्जी तरह से रजिस्ट्रेशन किया गया है। इसकी पतासाजी की जाएगी।
यह है मामला
सिहोरा के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी नीरज मिश्रा ने बंगाल की दो बसों का फर्जी नामांतरण कराकर उसका आरटीओ कार्यालय से रजिस्ट्रेशन करा लिया था। जिसपर एआरटीओ महेश दत्त मिश्रा के कहने पर दलाल तनविंदर सिंह ने बाबू गोवर्धन दास लोहिया, कार्यालय अधीक्षक कमलाधर और एआरटीओ सुभाष सोनी के साथ मिलकर फर्जी एनओसी पर बसों के रजिस्ट्रेशन कर दिए। विभागीय जांच के बाद दोनों बसों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर मामले की जांच सिविल लाइन पुलिस को सौंपी गई थी।
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मामले की जांच के लिए आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा बंगाल के लिए टीम रवाना की जाना है। ताकि पूरे मामला का खुलासा हो सके।
प्रफुल्ल श्रीवास्तव, सिविल लाइन टीआई