भोपाल। धान घोटाले के व्हिसल ब्लोअर सुरेन्द्र कुमार शाक्य के रहस्यमयी सुसाइड नोट में दर्ज शब्द बाहर आते जा रहे हैं। पुलिस लगातार इसे छिपाए रखने का प्रयास कर रही है परंतु कांग्रेस का दावा है कि इस सुसाइड नोट में भाजपा के स्थानीय विधायक एवं उनके 2 पुत्रों के नाम भी दर्ज हैं। इसीलिए माननीय मंत्रीजी मामले को दबाने तत्काल दौरे पर पहुंच गए थे।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने जबलपुर के शहपुरा वेयर हाउस के प्रबंधक सुरेन्द्र शाक्य की मौत की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि लगभग 1500 करोड़ रूपये के खाद्यान्न घोटाले का खुलासा करने वाले सुरेन्द्र शाक्य की मौत के जिम्मेदार स्थानीय भाजपा विधायक हैं, इसलिए पुलिस राजनैतिक दबाववश मुख्य आरोपियों को बचा रही है।
उल्लेखनीय है कि सुरेन्द्र शाक्य की अंत्येष्टि से लौट रहे उनके एक वरिष्ठ अधिकारी और उनके ड्राइवर की भी एक संदिग्ध सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय शाक्य के मृत्यु पूर्व लिखेे गये सुसाइड नोट में स्थानीय भाजपा विधायक के दो बेटों के नाम थे, किंतु इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि सुसाइड नोट बदल दिया गया है। लिहाजा, पुलिस द्वारा जप्त सुसाइड नोट और शाक्य के सरकारी दस्तावेजों में मौजूद हस्ताक्षर का भी मिलान किया जाये।
आज यहां जारी अपने बयान में मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले व्हिसिल ब्लोअरों को लगातार मौत, हत्या और आत्महत्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थितियां लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि शाक्य की मौत के बाद अंतिम संस्कार से लौट रहे वेयर हाउस के ही एक वरिष्ठ अधिकारी और उनके ड्राइवर की भी एक सड़क दुर्घटना में हुई मौत ने कई शंकाओं और कुशंकाओं को जन्म दे दिया है। इन स्थितियों में कांग्रेस की सरकार से मांग है कि शाक्य सहित दो और अन्य मौतों की सीबीआई जांच करायी जाये।