भोपाल। मामी के मायके वालों की परिवहन विभाग में भर्ती कांड में कांग्रेस ने सीधा सवाल दागा है। कांग्रेस ने पूछा है कि जब इस भर्ती में कोई भ्रष्टाचार हुआ ही नहीं तो 13 सिपाहियों को बर्खास्त क्यों किया। याद दिला दें कि जब यह मामला उठाया गया था तो शिवराज सरकार ने तत्काल इसका खंडन किया था और खुद मंत्री ने कहा था कि कोई पक्षपात नहीं हुआ। सारी भर्तियां नियमानुसार हुईं हैं।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा है कि इन 13 बर्खास्त परिवहन आरक्षकों के चयन में भी श्रीमती साधना सिंह, पूर्व परिवहन मंत्री जगदीश देवड़ा की भूमिकायें थी। वहीं एक बर्खास्त आरक्षक एसटीएफ में ही पदस्थ एक डीएसपी के रिश्तेदार हैं।
आज यहां जारी अपने बयान में मिश्रा ने उक्त विषयक अपने आरोपों को पुनः दोहराते हुए कहा कि परिवहन आरक्षकों की भर्ती में मुख्यमंत्री निवास का सीधा हस्तक्षेप था, आने वाले दिनों में सीबीआई जांच के दौरान पार्टी अपने प्रामाणिक पक्ष को उसे सौंपेगी।
मिश्रा ने परिवहन मंत्री से यह भी जानना चाहा है कि वे 17 चयनित परिवहन आरक्षक कौन हैं, जिन्होंने अपने चयन और मामला प्रकाश में आ जाने के बाद, मुख्यालय में आज तक अपनी ज्वांइनिंग ही नहीं दी। विभाग ने उनके विरूद्ध क्या और कौन सी कार्यवाही की है, सार्वजनिक होना चाहिए?
मिश्रा ने परिवहन मंत्री से यह भी आग्रह किया है कि वे इस परीक्षा में चयनित उन सभी 332 परिवहन आरक्षकों की 10 वीं, 12 वीं की अंकसूची, उनके जाति एवं मूल निवासी के प्रमाण पत्र, उन्हें सत्यापित करने वाले अधिकारियों के नाम तथा पद भी सार्वजनिक करें, ताकि वास्तविकता सामने आ सके।