जबलपुर। एक एडमिशन की शिकायत से शुरू हुआ क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल का मामला अब पूरी तरह से सोसायटी के फर्जीवाड़े पर केन्द्रित हो गया है। जिला पंचायत सीईओ नेहा मारव्या ने फर्जी तरीके से बनाई गई क्राइस्ट चर्च सोसायटी की जांच कर रिपोर्ट रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी भोपाल को भेज दी है। सीईओ ने रिपोर्ट में सोसायटी पर मप्र रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के तहत कार्रवाई की अनुशंसा की है। रिपोर्ट में दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर बनाई गई सोसायटी के प्रमाणित दस्तावेजों के साथ ही लीज से जुड़े तमाम दस्तावेज पेश किए गए हैं। रिपोर्ट में शामिल 3 प्रमुख बिन्दु :
1. फर्जी सोसायटी बनाई
मूल सोसायटी दी नागपुर डायोसीसन बोर्ड ऑफ एजुकेशन जबलपुर क्राइस्ट चर्च ऑफ ब्वॉयज हायर सेकेण्डरी स्कूल स्लीमन रोड जबलपुर का गठन नम्बर 11 जुलाई 1959 में हुआ। उस समय विशप रेव सादिक सेंट्रल हाउस नागपुर बिशप थे। फाउण्डर मेम्बर एवं बॉयलाज 13 जनवरी 1963 के अनुसार सोसायटी के चेयरमैन नागपुर बिश्प थे।
आरोप हैं कि रेव सुनील चक जबलपुर डायोसिस के विशप थे। उन्होंने फर्जी तरीके से स्वंय के चेयरमैनशिप में 2002 में तथा कथित सोसायटी की बैठक कर सोसायटी का नाम बदलकर सोसायटी के संविधान में परिवर्तन करने का प्रस्ताव पारित किया और बॉयलाज में संशोधन के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय जबलपुर को आवेदन दिया गया। जो लेटर हेड इस्तेमाल किया गया वे नागपुर बोर्ड का था। उस समय नागपुर बिशव रेव प्रेमकुमार मोसहे धोटेकर थे।
दस्तावेजों से स्पष्ट हुआ कि बिशप नागपुर ने न तो विशप जबलपुर को किसी प्रकार का प्रभार दिया और न ही अपनी सहमति दी। फिर भी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर मूल सोसायटी दी नागपुर डासोसिसन के स्थान पर बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस क्राइस्टचर्च ऑफ ब्यॉस हायर सेकेण्डरी स्कूल स्लीमन रोड जबलपुर करवा लिया गया है। तत्कालीन बिशप का ये कृत्य मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के नियमों के खिलाफ है।
2. वित्तीय हेरफेर
क्राइस्टचर्च सोसायटी के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की भी शिकायत है। कहा गया है कि कब्जा कर हासिल की गई सोसायटी ने पंजीकरण के आधार पर अल्पसंख्यक का प्रमाण पत्र भी दिल्ली से प्राप्त किया गया है।
3. 1999 से नहीं कराया लीज नवीनीकरण
मूल सोसायटी के नाम से सरकारी जमीन लीज पर ली गई है। सिविल स्टेशन ब्लॉक 1 प्लाट नम्बर 23, 148267 वर्गफुट, ब्लॉक नं. 4 प्लॉट नं. 2 और प्लॉट नं. 12 जो लोक कर्म विभाग की जमीन है का लीज नवीनीकरण 1999 से नहीं कराया गया है। संभावना जताई गई है कि फर्जी सोसायटी के कारण ही लीज नवीनीकरण नहीं कराया जा रहा है।
- अब आगे क्या
- रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी की जांच में यदि आरोप सच हुए हुए तो क्राइस्टचर्च सोसायटी भंग हो सकती है।
- सोसायटी फर्जी निकली तो पंजीयन निरस्त किया जा सकता है। अल्पसंख्यक आयोग दिल्ली द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र भी निरस्त हो सकता है। इसका असर सोसायटी की 16 स्कूलों होगा।
- लीज मामले में प्रशासन निर्णय लेगा। यदि लीज रिन्युवल नहीं हो पाई तो बोर्ड की संपत्ति प्रशासनिक नियंत्रण में चली जाएगी।
-----------
मिली शिकायतों के आधार पर रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी को क्राइस्ट चर्च सोसायटी गठन की जांच कर अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है।
नेहा मारव्या, सीईओ, जिला पंचायत
------
हम सरकार के निर्णय का पालन करेंगे। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं कहना।
पीसी सिंह, बिशप व चेयरमैन, क्राइस्ट चर्च सोसायटी
