दैनिक वेतन भोगियों का 6वां वेतनमान उलझा

भोपाल। दैनिक वेतन भोगियों को 6वां वेतनमान देने के मामले में सरकार उलझ कर रह गई है। दरअसल सरकार पता नहीं कर पाई है कि किस विभाग में कितने दैवेभो कर्मचारी हैं। ऐसे में वित्त विभाग भी अनुमान भी नहीं लगा पा रहा है कि सरकार के खजाने पर कितना भार आएगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी दायर करने वाले 176 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को वर्ष 2003 से छठवे वेतनमान का न्यूनतम वेतनमान का लाभ देने को कहा है।

मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा ने विधि विभाग के प्रमुख सचिव विरेंदर कुमार को निर्देश दिए थे कि वे सभी विभागों की बैठक बुलाकर दैवेभो की संख्या और उन्हें दिए जाने वाले वेतनमान से आने वाले भार का प्रस्ताव तैयार करें। विधि विभाग ने इस संबंध में सभी विभागों से जानकारी तलब की थी, लेकिन संबंधित विभाग उन्हें अब तक जानकारी नहीं दे पाए। इसके चलते विधि विभाग प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक टल गई। अब यह बैठक सीधे मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सोमवार को होगी।

विधि विभाग ने क्यूरेटिव याचिका से किया इंकार
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का चुनौती देने के लिए विधि विभाग से क्यूरेटिव याचिका दायर करने को कहा था। जिस पर विधि विभाग ने कहा है कि रिव्यू याचिका खारिज हो चुकी है, ऐसे में क्यूरेटिव याचिका दायर करने का कोई आधार नही है। इसके चलते अब सरकार इस पूरे मामले में नया रास्ता निकालने जा रही है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन भी हो जाए ओर सरकार के खजाने पर एक साथ भार भी न आए।

पहले रिटायर होने वालों को मिलेगा लाभ
वित्त विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सभी विभागों से दैवेभो का आंकड़ा मंगाया जा रहा है। इसके बाद भार का आंकलन किया जाएगा। पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को नए वेतनमान देने का विचार किया जा रहा है। इसके बाद अन्य दैवेभो कर्मचारियों को किश्तो में नए वेतनमान का एरियर देने का फार्मूला तैयार किया जाएगा। वित्त विभाग के उप सचिव अजय चौबे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करने का फामूर्ला इसी बैठक में तय होगा।

सभी दैनिक वेतन भोगियों को मिलेगा लाभ
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से एसएलपी दायर करने वाले 177 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के अलावा जलसंसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण व नर्मदा घाटी विकास विभाग सहित अन्य दैनिक वेतन भोगी के कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा।

12 से 16 हजार प्रतिमाह का होगा फायदा
चतुर्थ श्रेणी के दैवेभो कर्मचारियों को उनके कार्य के हिसाब से 10 हजार से 12 हजार का वेतन मिलता है। इस आदेश के बाद राज्य शासन के कर्मचारियों के समान 22 से 28 हजार के लगभग वेतन देना होगा। इससे उन्हें प्रतिमाह 12 से 16 हजार स्र्पए का अतिरिक्त लाभ होगा। इतना ही नहीं उन्हें इस वेतनमान का लाभ व सुविधाएं 2003 से मिलेंगी।
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