उज्जैन। महाकाल मंदिर में नागपंचमी के दिन हुए विवाद में मामले में उज्जैन के राप्रसे अधिकारी अपर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के समर्थन में खुलकर आ गए हैं। उन्होंने शनिवार को पैदल मार्च किया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिसमें लिखा था कि यदि आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती तो हम भी यहां सिंहस्थ नहीं करवा सकते।
गौरतलब है कि जिले में भारतीय प्रशासनिक सेवा व कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के 40 अधिकारी पदस्थ हैं। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा के दौरे के बाद राज्य प्रशासनिक संघ के सभी अधिकारियों ने बृहस्पति भवन में बैठक की। इसमें यह तय किया गया कि सिंहस्थ व अन्य कार्यक्रमों में लॉ एंड ऑर्डर में अब कोई भी अधिकारी बतौर सिटी मजिस्ट्रेट ड्यूटी नहीं करेगा। इसके बाद सभी अधिकारियों ने एक पत्र तैयार किया। दो दर्जन से अधिक अधिकारी पैदल मार्च करते हुए कलेक्टर बंगले पहुंचे।
यहां हुई बैठक में अपर कलेक्टर संतोष वर्मा ने कलेक्टर कियावत को वस्तु स्थिति बताई और उन्हें पत्र सौंपा। पत्र में बताया है कि एक आरक्षक द्वारा अपर कलेक्टर के साथ बदतमीजी के बावजूद उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे गलत संदेश जा रहा है। ऐसी ही मनमानी चलती रही तो हम सिंहस्थ नहीं करवा सकते। आप हमारा ट्रांसफर करवा दीजिए। कलेक्टर द्वारा जांच रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन देने पर अधिकारी लौट गए।