मुरैना। मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भाजपा नेताओं की दबंगी का प्रदर्शन लगातार जारी है। उज्जैन में बाबा महाकाल की भस्मारती के समय गर्भग्रह में प्रवेश, ओरछा में प्रतिबंधित मंदिर परिसर में फोटोसेशन के बाद, मुरैना के नवनिर्वाचित महापौर अशोक अर्गल ने रामायणकालीन शनि मंदिर के ताले तुड़वा दिए।
हुआ यूं कि शनिवार को शनिश्चरा मंदिर स्थित शनि देव मंदिर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्घालु दर्शन करने व शनि प्रतिमा पर तेल चढ़ाने के लिए पहुंचे, लेकिन प्रशासन ने मंदिर के गर्भगृह के मुख्य मंदिर का शटर बंद किया और ताला लगा दिया। चूंकि शटर जालीदार है, इसलिए गेट से श्रद्घालु केवल दर्शन ही कर पा रहे थे। शनि प्रतिमा पर तेल नहीं चढ़ा पा रहे थे।
ऐसे में श्रद्घालुओं ने आक्रोश व्यक्त करना शुरू कर दिया। श्रद्घालुओं व मंदिर प्रबंधन के बीच में तेल को चढ़ाने के लिए विवाद चल ही रहा था तभी ननि के मेयर पद के लिए जीते अशोक अर्गल भी मंदिर में पहुंच गए।
उनसे श्रद्घालुओं ने कहा कि शनि प्रतिमा पर तेल चढ़ाने का ही महत्व है, लेकिन शटर लगा होने से वे तेल नहीं चढ़ा पा रहे हैं। तेल चढ़ाने के लिए वे दूर-दूर से आए हैं। बिना तेल चढ़ाए जाते हैं तो उनका आना-जाना बेकार हो जाएगा। प्रत्यक्ष दर्शियों के मुताबिक इस पर श्री अर्गल ने मंदिर में मौजूद जिम्मेदारों को शटर खोलने के लिए कहा, लेकिन कर्मचारियों ने प्रशासन का आदेश बताकर शटर खोलने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने ताला तुड़वा दिया और भक्तों को मंदिर में प्रवेश करा दिया।
इसलिए रोका जा रहा है प्रतिमा पर तेल चढ़ाने से
शनि प्रतिमा पर तेल व अन्य सामग्रियां चढ़ाने से प्रतिमा का क्षरण हो रहा है। इस वजह से प्रशासन ने मूल प्रतिमा पर तेल चढ़ाने से रोक दिया है। इसके लिए मंदिर के ऊपर एक दूसरी प्रतिमा पर तेल चढ़ाने की व्यवस्था की है, लेकिन श्रद्घालु मूल प्रतिमा पर ही तेल चढ़ाना चाहते थे।
क्या कहते हैं अशोक अर्गल
जब मैं मंदिर में पहुंचा तो शटर बंद था और करीब 400 श्रद्घालु लाइन में लगे थे और शनि प्रतिमा पर तेल चढ़ाने की मांग कर रहे थे। मैंने ताला नहीं तुड़वाया, बल्कि कलेक्टर से बात कर शटर को खुलवा दिया, जिससे भक्त शनि प्रतिमा पर तेल चढ़ा सकें। हालांकि तेल व अन्य सामग्री चढ़ाने से प्रतिमा का क्षरण हो रहा है, लेकिन भक्तों की श्रद्घा भी मायने रखती है।
अशोक अर्गल, ननि के विजयी मेयर प्रत्याशी
शिल्पा गुप्ता, कलेक्टर मुरैना
शनि मंदिर की कोई घटना संज्ञान में नहीं है और महापौर अशोक अर्गल से भी किसी तरह की बातचीत नहीं हुई।