भोपाल। देश में शिक्षा का हब बनता जा रहा मप्र अब ठप होता जा रहा है। एमबीए और इंजीनियरिंग में हजारों सीटें खाली छूटने के बाद अब 10वीं-12वीं की हालत भी पतली है। करीब 7 लाख सीटें खालीं हैं। यह देख माशिमं की अकड़ भी निकल गई। उसने लास्ट डेट 12 अगस्त से बढ़ाकर 22 अगस्त कर दी है।
मनमाने फैसले, गलत परीक्षा परिणाम और पेपर लीक कांड के बाद लोगों का भरोसा माध्यमिक शिक्षा मंडल से टूटता जा रहा है। पिछले साल तक 10वीं-12वीं के एडमिशन के लिए जहां लम्बी लम्बी लाइनें लगी रहतीं थीं, इस बार 7 लाख से ज्यादा सीटें खालीं हैं।
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने प्रवेश सूची में गड़बड़ी को रोकने के नाम पर जुलाई से ऑनलाइन परीक्षा फार्म लेने शुरू कर दिए थे। मंडल ने तय किया था कि जो छात्र 12 अगस्त तक फार्म जमा कर देंगे। उन्हें नियमित मान लिया जाएगा और यही प्रवेश सूची भी होगी, लेकिन 10 अगस्त तक अनुमानित 20 लाख में से करीब 13 लाख विद्यार्थी ही परीक्षा फार्म जमा कर सके हैं। घबराए माशिमं ने एडमिशन की लास्ट डेट बढ़ा दी है।
विलंब शुल्क के साथ 31 दिसंबर
दोनों परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक छात्र 2 हजार रुपए विलंब शुल्क के साथ 23 अगस्त से 30 सितंबर और 5 हजार रुपए विलंब शुल्क के साथ एक अक्टूबर से 31 दिसंबर तक परीक्षा फार्म जमा कर सकेंगे।