भोपाल। खाकी वर्दी को गालियां तो पूरे देश में दी जातीं हैं परंतु जब खाकी वर्दी के भीतर का इंसान कुछ अच्छा करता है तो इस देश की जनता उसे कंधों पर भी उठा लेती है। लिकर किंग के खिलाफ लड़ रहे एक आईपीएस अफसर का पॉलिटिकल प्रेशर के चलते तबादला हुआ तो जनता सड़कों पर उतर आई। तबादले के खिलाफ जनता ने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई है।
बीते दिनों हुए उत्तरप्रदेश के गाजीपुर के पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण के तबादले के खिलाफ गाजीपुर में एक सर्वदलीय संघर्ष समिति बनायीं गयी है। समिति का कहना है कि तबादले की कार्यवाही हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना है लिहाजा वह इस सिलसिले में 13 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
समिति का कहना है कि जिले के चर्चित शराब कंपनी के मैनेजर मनोज सिंह की हत्या कर लूट के मामले का वैभव कृष्ण ने खुलासा किया था। इस मामले के कथित साजिशकर्ता के तार आजमगढ़ और गाजीपुर के रहने वाले कुछ मंत्रियों से जुड़े होने के कारण वैभव कृष्ण का तबादला करा दिया गया। क्योंकि मंत्री नहीं चाहते थे कि इस खुलासे के छींटे उनतक पहुंचें।
समिति का आरोप है कि हाईकोर्ट ने इस मामले की विवेचना की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी पुलिस कप्तान को सौंपी थी उसके बावजूद वैभव कृष्ण का तबादला कर दिया गया।
समिति के लोग अब 13 जुलाई को हाईकोर्ट में तबादले के खिलाफ याचिका दायर करने की तैयारी में हैं और वे याचिका में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा प्रमुख सचिव गृह को भी पक्ष बनाने पर चिंतन कर रहे हैं।
इस बीच कप्तान वैभव कृष्ण के तबादले के बाद नए कप्तान आनंद कुलकर्णी ने जिले के एसपी पद पर कार्यभार सम्हाल लिया है।
