जबलपुर। ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी पेटीएम के फर्जीवाड़े के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने से जबलपुर हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सायबर सेल द्वारा पेटीएम के संचालकों पर की गई कार्रवाई को सही ठहराया है। एफआईआर को निरस्त करने के लिए पेटीएम के संचालकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
कंपनी संचालकों की तरफ से ख्यात वकील विवेक तन्खा ने भी कोर्ट के सामने उनका पक्ष रखा, लेकिन हाईकोर्ट ने सायबर पुलिस को पेटीएम वेबसाइट को लेकर बाक़ायदा जांच जारी रखने के आदेश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।
बता दें कि साइबर पुलिस ने पेटीएम का मुख्य खाता फ्रीज कराते हुए धारा- 420, 120बी, 66डी आईटी एक्ट के तहत पेटीएम के डायरेक्टर विजय शेखर शर्मा, हरेंद्र पाल सिंह सहि अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था। प्रदेश के क़रीब 350 लोगों की शिकायत पर भोपाल में सायबर सेल ने बीते मई माह में पेटीएम कंपनी के संचालक विजय शेखर शर्मा, हरेंद्र पाल सिंह सहित उनके दो कर्मचारियों विक्रम और राजेश के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।
साइबर सेल को शिकायत में पता चला था कि पेटीएम, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से पेमेंट गेटवे का लायसेंस लिए बगैर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का काम कर रही है। वहीं, कंपनी अपनी वेबसाइट्स अन्य वेवसाइट्स भी अटैच कर रखीं हैं, जिसके माध्यम से अलग-अलग लोगों से क़रीब 22 लाख रुपए तक की ठगी की है। ऑनलाइन कंपनी पेटीएम वेबसाइट्स से अटैच वेबसाइट्स के कर्मचारी स्वयं को बैंक का प्रतिनिधि बताकर मोबाइलधारक ग्राहकों से उनका एटीएम कार्ड रिन्यू कराने का लालच देते थे और इस बहाने एटीएम नंबर और पिन नंबर हासिल कर चपत लगा देते थे। इसके अलावा अन्य प्रलोभन मसलन, नौकरी लगवाना, तत्काल लोन पास करवाना, इनाम में विजेता बताकर ठगी करते थे। चूंकि ई कॉमर्स कंपनी पेटीएम को मालूम रहता था कि किसके बैंक खाते में कितने रुपए हैं। इसी के आधार पर ठगी होती थी।
