मप्र पुलिस: IPS कॉडर रिव्यू

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस में महानिदेशक स्तर के कुल पदों की संख्या छह से बढ़कर दस हो सकती है। वहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों के पद 44 होने के आसार हैं। आईपीएस कॉडर रिव्यू के लिए दिल्ली में हुई बैठक निष्कर्ष यही है कि शीर्ष स्तर पर अफसरों के पदों में इजाफा मप्र के मनमाफिक होगा।

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कॉडर रिव्यू में मध्यप्रदेश पुलिस का पूरा जोर शीर्ष पदों में इजाफे पर ही रहा। पुलिस मुख्यालय चाहता है कि महानिदेशक (डीजीपी) और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों (एडीजी) के पदों में इच्छानुसार वृद्धि की अनुमति मिले, क्योंकि स्वीकृत पदों से फिलवक्त ज्यादा अफसर हैं। मप्र की ओर से बैठक में डीजीपी के दो पद बढ़ाकर इन्हें पांच करने पर पूरा जोर लगाया गया है।

इससे सूबे में डीजीपी की पांच कॉडर पोस्ट और इतनी ही एक्स कॉडर पोस्ट निर्मित हो जाएंगी। इससे हाल में प्रतिनियुक्ति से लौंटी रीना मित्रा के लिए भी जगह बन जाएगी और एक अन्य अफसर पदोन्नात हो सकेगा। दरअसल पीएचक्यू की नजर आने वाले तीन-चार वर्ष के कॉडर मैनेजमेंट पर है।

डीजीपी के पद बढ़ने से 1985 बैच के आईपीएस अफसरों को पदोन्नत करने का रास्ता क्रमश: खुलता जाएगा। इसी प्रकार एडीजी के नौ पद मांगे गए हैं। अभी स्वीकृत पदों की संख्या 13 है। एक सूत्र के मुताबिक कम से कम आठ पद मंजूर होने के पूरे आसार हैं।

नहीं चाहिए DIG के पद
बैठक में डीआईजी के पदों में इजाफे पर मप्र की ओर से ज्यादा जोर नहीं लगाया गया, क्योंकि इनके लिए अभी ही अफसर मौजूद नहीं हैं। अलबत्ता आईजी का एक और एसपी के दस नए नए पदों पर चर्चा हुई है।

साढ़े चार फीसदी पद की उम्मीद
सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मप्र कॉडर में साढ़े चार फीसदी नए पद मंजूर करने के संकेत दिए हैं। हालांकि मप्र के अफसरों ने पांच फीसदी से अधिक पदों की पुरजोर मांग की है। कुल 158 वरिष्ठ पदों की संख्या के मान से यह लगभग अठारह पद होते हैं। ज्ञात हो मप्र में आईपीएस कॉडर 291 अफसरों का है। एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक इसी पखवाड़े केंद्र से मंजूरी मिलने की उम्मीद है, इसके बाद अगस्त माह तक कुछ अफसरों को पदोन्नति से नवाजा जा सकता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!