शुजालपुर। कहते हैं कि इंसानी दिमाग की कोई सीमा नहीं है। इसी बात को प्रमाणित किया है शुजालपुर के होनहार छात्र ऋषभ कनेरिया ने। गणित की कठिन से कठिन पहेलियों को वह चुटकी में सुलझा देता है। जोड़, घटाना हो या फिर मल्टीप्लाई या डिवाइड करने में उसके उत्तर को सुनकर पलभर में लोग चौंक जाते हैं।
हाल ही आईआईटी कानपुर के लिए चयनित होने वाले ऋषभ ने 18 वर्ष की उम्र में ही कई उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। गणित की दस कठिन समस्याओं को हल कर विश्व रिकाॅर्ड बनाने के लिए उसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जा चुका है। आमतौर पर कक्षा 12वीं के बच्चों को 40 तक के पहाड़े भी बमुश्किल याद रहते हैं, लेकिन ऋषभ 10 हजार तक के पहाड़े बोल देता है।
अवेकस पद्धति ने पहुंचाया लाभ
नगर के प्रतिभावान इस छात्र ऋषभ की पारिवारिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। माता शासकीय अस्पताल में नर्स हैं तो पिता का निधन हो चुका है। उसकी लगन और मेहनत से ही यह सब संभव हो सका है। उसने बताया कि जो गणित इतना परफेक्ट हुआ है उसके पीछे अवेकस पद्धति है। इस प्रोग्राम से उनकी मेमोरी और एकाग्रता में भी बहुत बढ़ोत्तरी हुई।
