विधानसभा चुनाव से पहले पूरी होगी CBI जांच

भोपाल। तीन हजार से ज्यादा आरोपी, 10 टन कागज और 51 से ज्यादा मौतों की जांच सीबीआर्इ् के लिए बड़ी चुनौती है। माना जा रहा है कि यह जांच लम्बी चलेगी, करीब 2 साल या इससे ज्यादा परंतु सीबीआई पर प्रेशर रहेगा कि मप्र में अगले विधानसभा चुनाव से पहले यह जांच पूरी हो जाए।

दस टन दस्तावेजों की जांच में कितना वक्त लगेगा?
जोगिंदर सिंह के मुताबिक व्यापमं में कई परीक्षाओं में गड़बड़ी हुई है। सीबीआई को हर परीक्षा की अलग-अलग जांच करनी होगी। दस टन दस्तावेज का दबाव सीबीआई पर नही पड़ेगा। हो सकता है कि जांच अधिकारी एक-एक करके अलग-अलग परीक्षा से जुड़े दस्तावेज खंगालें। व्यापमं पहला मामला नहीं है, जिसमें इतनी संख्या में दस्तावेज इकट्ठे हुए हों। इससे पहले बोफोर्स घोटाले, चारा घोटाले में भी एक-एक कमरा भरकर दस्तावेज सीबीआई ने जब्त किए थे।

किस तरह हाेगी जांच?
जोगिंदर सिंह के मुताबिक पहले सीबीआई अब तक मामले की जांच कर चुकी एसटीएफ से घोटाले के बारे में ब्रीफ जानकारी लेगी। इसके बाद वह एसटीएफ द्वारा की गई जांच को वैरीफाई भी करेगी, कयोंकि इस बारे में कई बार सवाल उठे हैं कि एसटीएफ ने कुछ लोगों के खिलाफ सबूत होने के बावजूद उन पर कार्रवाई नहीं की है। सीबीआई को इस मामले पर भी गौर करना होगा। इस दौरान हो सकता है कि कई आरोपियों को राहत मिले और अब तक जांच के दायरे से बाहर रहे लोग जांच की चपेट में आ जाएं। इसके साथ ही सीबीआई के स्पेशल क्राइम यूनिट के अधिकारी व्यापमं घोटाले से जुड़ी मौतों की जांच में एंटी करप्शन विंग के अधिकारियों की मदद करेंगे। सीबीआई के अधिकारी जांच से जुड़ा हर पक्ष देखने के बाद तय करेंगे कि जांच के लिए उसे कितने लोग चाहिए। इसके बाद वह सीबीआई हेडक्वार्टर को रिपोर्ट करेंगे और फिर आगे की दिशा तय होगी।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!