भोपाल। उज्जैन में सिंहस्थ से पहले क्षिप्रा नदी ने स्वयं महाकाल का अभिषेक किया। जैसे ही वो ज्योर्तिलिंग के चारों ओर पहुंची, उसका आवेग थम गया। कुछ समय तक वो ठहरी रही, जैसे महाकाल का अभिषेक कर रही हो और उसके बाद वापस लौटना शुरू हो गई। अब वहां हालात सामान्य होते जा रहे हैं।
क्षिप्रा ने इस बार शिव का अभिषेक किया और शिवराज को चेतावनी भी दी। सरकार द्वारा बनाए गए तटों को तोड़कर बस्तियों में पहुंची क्षिप्रा ने शिवराज सरकार को चेतावनी भी दी कि उसे मनमानी हदों में बांधने का प्रयास ना किया जाए। उसने अपनी सीमाओं से सरकार को अवगत करा दिया है। साथ ही यह भी बता दिया कि यदि उसकी सीमाओं पर अतिक्रमण किया जाएगा तो तबाही सुनिश्चित है।
याद दिला दें कि पिछले कुछ सालों में क्षिप्रा को तटों में बांधने का काम तेजी से चला है। बारिश के दिनों में जिन इलाकों मेें क्षिप्रा का जल अठखेलियां लिया करता था, इन दिनों वहां कॉलोनियां दिखाई देतीं हैं। क्षिप्रा ने इस बार चेतावनी दे दी है, उसकी सीमाओं में अतिक्रमण स्वीकार नहीं होगा।