भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री विजेन्द्रसिंह सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस न तो तर्कशक्ति से कुछ बहस करना चाहती है और न प्रदेश के विकास में सहभागी बनने का साहस जुटा पा रही है। विधानसभा सत्र में जहां सरकार ने विधायी कामकाज निपटाया, वहीं हर विषय पर चर्चा के लिए तत्पर रही। लेकिन कांग्रेस ने हर पल, हर क्षण सिर्फ हंगामा बरपाकर सदन को बाधित कर संवैधानिक दायित्व से मुकरी और सदन की गरिमा को आहत किया जो प्रदेश की जनता ने भारी मन से देखा है।
उन्होनें कहा कि सदन की एक दिन की कार्यवाही पर कमोवेश जनता की गाढ़ी कमायी का लगभग एक करोड़ रू. खर्च होता है। यदि कांग्रेस को तनिक भी संसदीय बोध होता और रचनात्मक विपक्ष के दायित्व का ध्यान होता तो सदन की कार्यवाही में अनुचित, अलोकतांत्रिक ढंग से अवरोध उत्पन्न करके मर्यादाविहीन आचरण नहीं करता और सदन को जारी रखनें में सहयोग करता।
श्री विजेन्द्रसिंह सिसोदिया ने कहा कि सरकार ने मध्यप्रदेश अधोसरंचना विधेयक, विधिक निवारण, श्रम विधेयक संशोधन, प्रकीर्ण उपबंध विधेयक, निजी विश्वविद्यालय स्थापना संचालन संशोधन, तंग करने वाली मुकदमाबाजी निवारण विधेयक, औद्योगिक सुरक्षा विधेयक पारित कर दिये गये।
उन्होनें कहा कि कांग्रेस की हठधर्मिता के चलते हंगामाखेज सत्र पर होने वाला व्यय निरर्थक होने के कारण सत्र अनिष्चितकाल के लिए स्थगित करना एक विवशता बन चुकी थी, जिसकी जबावदेही से विपक्ष बच नहीं सकता है। सदन बहस का केन्द्र है। सत्ता पक्ष की त्रृटियां बताने का केन्द्र है। महामुकाबला और टकराव सड़क पर हो सकता है। इसके लिए विधानसभा का सदन उचित अवसर और परिसर नहीं है।