भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग प्रदेश में नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए कुछ विषयों की किताबों में एनसीईआरटी के मुताबिक संशोधन किया जाएगा। यह काम राज्य शिक्षा केंद्र और मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल मिलकर करेंगे। सभवतः अगले शिक्षण सत्र से यह पाठ्यक्रम लागू हो जाएगा। सूत्र बताते हैं कि अभी 9वीं से 12वीं तक का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के मुताबिक किया जा रहा है। इसमें गणित, फिजिक्स, अंग्रेजी सहित अन्य विषयों की किताबों में सुधार किया जाएगा। जबकि इतिहास, सोशल साइंस जैसे विषयों में राज्य की घटनाओं का समावेश भी होगा।
गौरतलब है कि राज्य का 70 फीसदी पाठ्यक्रम एनसीईआरटी पर आधारित है। जबकि देशभर में एक जैसे पाठ्यक्रम की मांग उठ रही है। इसी के मद्देनजर विभाग ने प्रदेश में एनसीईआरटी का पूरा पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी कर ली थी। इसकी पहल विभाग के अधिकारियों ने कर भी दी थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। लिहाजा, अधिकारियों ने दूसरा रास्ता तलाश लिया है। अब पाठ्यक्रम को एनसीईआरटी के समकक्ष बनाने की तैयारी की जा रही है। विभाग के अधिकारियों की इस प्लानिंग से मंत्री भी सहमत हैं। अगर सबकुछ सही रहा था तो स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले सरकारी व निजी स्कूल एनसीआरटी के समकक्ष यानी सीबीएसई जैसा पाठ्यक्रम पढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री नहीं थे सहमत
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम चलाता है। सीबीएसई से संबद्घ स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक 95 फीसदी किताबें इसी पाठ्यक्रम की हैं, जबकि कक्षा पहली से 8वीं तक कुछ किताबें एनसीईआरटी की होती हैं, तो कुछ प्राइवेट पब्लिशर्स की। चूंकि सभी किताबें एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर आधारित होती हैं, इसलिए विभाग के अधिकारी प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में भी इसी पाठ्यक्रम को चलाना चाहते थे, लेकिन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री इससे सहमत नहीं थे। उन्होंने एनसीईआरटी की किताबों के जरूरी अंश लेते हुए राज्य में ही किताबें तैयार करने के निर्देश दिए थे।
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सिलेबर्स तैयार करने को कहा
एनसीईआरटी की तर्ज पर एससीईआरटी गणित, फिजिक्स सहित अन्य विषयों की किताबें तैयार करेगा। हमने संबंधित इकाइयों को सिलेबस तैयार करने को कहा है।
दीपक जोशी
राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग