भोपाल। व्यापमं मामले में अपनी ही पार्टी के सांसद शांता कुमार के शर्मिंदा होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें चिट्टी लिखी है। अपनी चिट्टी में उन्होंने जोर देकर लिखा है कि इस मामले में 'मुझे अपने आप पर गर्व है, मैने ही जांच कराई और इसीलिए लोग जेल में हैं'
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा सांसद शांता कुमार को अपने पत्र में आढ़े हाथों लिया है। शिवराज ने नसीहत दी है कि वे दूसरे राज्यों पर उंगली उठाने से पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कार्यकाल में हो रहे भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में जन आंदोलन करें तो बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि अपनी ही पार्टी के नेताओं पर विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जानकारी प्राप्त किए बिना चिंता करना अनावश्यक और अनपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आप पार्टी के अनुभवी एवं वरिष्ठ नेता हैं। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर खुद उन्हीं मूल्यों की अनदेखी की है, जिसकी आपने अपने पत्र में व्याख्या की है।
पहले पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखना फिर उसे मीडिया में प्रचारित करना और दूसरी ओर आचार संहिता का गठन करने का सुझाव देना विडंबनापूर्ण विसंगति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे कथनी और करनी में अंतर का उदाहरण कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक रही व्यापमं की बात तो मैंने ही इस मामले की जांच एसटीएफ से कराई। जिसके चलते कई आरोपी आज जेल में हैं। मनगढ़ंत और बेबुनियाद आरोपों से मैं कतई विचलित या निराश नहीं हूं। मुझे अपने आप पर गर्व है कि मैंने बिना किसी भय और पक्षपात के व्यापमं की जांच करवाई।