भोपाल। मप्र सरकार के खजाने से राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की हवाई यात्राओं पर पिछले साढ़े तीन वर्ष में लगभग 39 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं। इसमें भी नौ करोड़ रुपए से अधिक राशि निजी हवाई कंपनियों को अदा की गई। यह जानकारी विधानसभा में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार के लिखित सवाल पर दी।
वीआईपी हवाई यात्राओं के बारे में सिकरवार ने सरकारी के साथ ही निजी विमानों व हेलिकाप्टरों पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि एक जनवरी 2014 से जून 2015 तक 1.90 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की गई है, मप्र सरकार के पास एक विमान और तीन हेलिकॉप्टर हैं। इनके रखरखाव और परिचलान पर सरकार ने जनवरी 2012 से 20 जून 2015 तक 30 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं।
निजी कंपनियों के उड़नखटोले
राज्य सरकार ने निजी कंपनियों के उड़नखटोले किराए पर लेने के एवज में अदा किए गए किराए की भी वर्षवार जानकारी दी है। इसके मुताबिक
2012 में 2,59,45,205 रुपए
2013 में 2,95,27,171
2014 में 2,71,11,135 रुपए खर्च किए गए
जबकि मौजूदा वर्ष में जनवरी से जून तक सरकार ने निजी कंपनियों को 1,65,60,584 रुपए का भुगतान किया है। निजी विमान कंपनियां दिल्ली, गुडगांव और भोपाल की हैं।
सरकारी उड़नखटोलों पर 26 करोड़
मप्र सरकार के हवाई बेड़े के रखरखाव और परिचालन पर 2012 से जून 2015 तक भी भारी खर्च हुआ है। इसमें सरकार ने रखरखाव पर 2,84,33577 रुपए तथा परिचालन पर 26,86,61219 रुपए फूंके हैं।