उज्जैन। पिछले 28 घंटे में 15 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। हालात यह हैं कि शहर एक टापू में तब्दील हो गया है। शहर की सड़कों पर क्षिप्रा का पानी दौड़ रहा है। महाकाल मंदिर की टनल दीवार गिर गई। मंदिर के नंदी हाल में भी पानी भर गया। कलेक्टर ने क्षिप्रा नदी का वेग शांत करने के लिए उनकी पूजा भी की।
घटना के बाद से महाकाल मंदिर का निर्गम द्वार बदल दिया गया है। उज्जैन और मक्सी के बीच रेलवे मार्ग भी बंद हो गया है। शहर में बारिश का जायजा लेने के कलेक्टर कवीन्द्र कियावत प्रशासनिक टीम के साथ निकले। सोमवार को स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
शिप्रा नदी का जलस्तर तेजी बढ़ता जा रहा है। रामघाट पर बने मंदिर पूरी तहर पानी में डूब गए हैं। शहर के अंदर निचली बस्तियों में पानी भरने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंभीर डेम के तीन गेट खोल दिए गए हैं, विश्वविद्यालय का रश्मि सरोवर तालाब फूट गया। उधर भरतपुरी नाले का पानी ऋषि नगर में घुस गया। भारी बारिश के चलते विकास प्राधिकरण के गोदाम की दीवार भी गिर गई।
शहर की सड़कें तो पूरी तरह जलमग्न हो ही गई है रेल की पटरियां भी पानी में डूब गई है। रेलवे पटरियों पर पानी जमा होने के चलते इंटरसिटी, भिंड और अवंतिका एक्सप्रेस जैसी कई गाड़ियां स्टेशन पर खड़ी है।