भोपाल। मप्र में हुए कृषि यंत्र सब्सिडी घोटाले की जांच लोकायुक्त से कराए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। फिलहाल यह घोटाला रतलाम, धार, सतना एवं रीवा में उजागर हुआ है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि इस तरह का घोटाला पूरे मप्र में पिछले कई वर्षों से होता आ रहा है एवं लगातार जारी है।
ड्रिप स्प्रिंकलर सब्सिडी हथियाने के लिए किसानों के नाम से फर्जी आवेदन की शिकायत कृषि विभाग को मिली थी। विभाग ने खरगोन और धार में जांच कराई तो खुलासा हुआ कि सप्लायर, कृषि अधिकारियों ने फर्जी आवेदन पर प्रकरण बनाए और सब्सिडी की रकम बांट ली। सतना के उचेहरा और मैहर ब्लाक में फसल प्रदर्शन की जांच में 80-80 लाख की गड़बड़ी पकड़ाई।
धार और रतलाम में किसानों से कृषि यंत्रों का चयन न कराकर निजी कंपनियों को सीधे क्रय आदेश दिए गए। जांच के बाद रतलाम के तत्कालीन उप संचालक सीके जैन, धार में आरपी कनेरिया को निलंबित किया गया। इसी तरह सतना के उप संचालक एसके शर्मा को पहले निलंबित और फिर भोपाल तबादला कर कारण बताओ नोटिस दिया गया है।