उज्जैन। उज्जैन में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश अब रुक गई है, लेकिन अब भी कई इलाकों में पानी भरा हुआ है। शिप्रा नदी अब भी खतरे के निशान से दस फीट ऊपर बह रही है। इस वजह से विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भी जलमग्न हो गए। इतिहास में पहली बार डूबे बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई। गर्भगृह के अलावा मंदिर का अधिकांश हिस्सा शिप्रा के पानी में पूरी तरह से डूब हुआ है।
महाकाल की भस्म आरती हमेशा से ब्रह्ममुहूर्त में होती है। मंगलवार की सुबह जब पुजारीगण भस्म आरती के लिए मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि महाकाल पानी में डूबे हुए थे। चूंकि आरती का समय भंग नहीं किया जा सकता इसलिए समय पर आरती करने का फैसला लिया गया। पुजारियों ने पानी में डूबे महाकाल की भस्म आरती की। इसके बाद गर्भगृह में मोटर लगाकर पानी निकाला गया। श्रद्धालुओं के मुताबिक ऐसा अद्भुत दृश्य पहली बार दिखाई दिया।
13 स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए
कलेक्टर कवीन्द्र कियावत के निर्देश पर शहर में 13 स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। बाढ़ पीड़ित व्यक्तियों को शुद्ध पीने का पानी, भोजन एवं बिस्तर का इंतजाम किया गया है। प्रत्येक शिविर में सम्बन्धित स्कूलों के अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त किया गया है और वे लगातार व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं।