भोपाल। अवर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार सभी जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि पंचायतों की होने वाली बैठकों में सरपंच पति के भाग लेने पर प्रतिबंधित लगाया गया है।
मप्र त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था को सशक्त बनाने एवं पंचायतों में महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व के उद्देश्य से जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित किए गए है। त्रि-स्तरीय पंचायतों में महिला प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास में उनकी भूमिका को मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह आवश्यक है कि ग्राम सभाओं के बैठको में महिला सरपंचों/पंचों की सक्रिय भागीदारी हो।
महिला आरक्षित पदों पर निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के एवज में ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की बैठकों का संचालन उनके पुरूष (पति एवं अन्य परिजनों) द्वारा किया जाना वर्जित है। यदि कोई सरपंच पति या पंच पति महिला सरपंच एवं पंच के स्थान पर ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेता पाया जाता है तो संबंधित महिला सरपंच / पंच के विरूद्व पद विधिवत हटाए जाने की कार्यवाही की जावेगी।
