मप्र की सभी अदालतों में लगेंगे डोम कैमरे

भोपाल। प्रदेश की सभी जिला और उनकी अधीनस्थ अदालतें अब हाईकोर्ट जबलपुर की निगरानी में रह सकेंगी। सभी अदालतें डोम कैमरों और वाइस रिकार्डिंग सिस्टम से लैस की जाएंगी। जिस पर जबलपुर में बैठकर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस और अन्य सभी वरिष्ठ जस्टिस सीधे तौर पर अदालतों की कार्रवाई सहित अन्य सभी गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे।

करीब चार साल से प्रयासरत उज्जैन निवासी अभिभाषक रमेश एन थोरात के प्रस्ताव को हाईकोर्ट ने स्वीकृति दे दी है। ये प्रोजेक्ट लागू करने के लिए हाईकोर्ट जबलपुर ने पॉलिसी तैयार कर बजट स्वीकृति के लिए राज्य शासन को भेजी है। राज्य शासन द्वारा बजट स्वीकृति के बाद प्रदेश की सारी अदालतें कैमरों की निगरानी में आ जाएंगी। फिलहाल देश में ये सिस्टम किसी भी प्रदेश में नहीं हैं।


  • नई व्यवस्था से ये फायदे
  • जीवन से जुड़े फैसले में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • आरोपों से बचने के लिए जिला अदालतें 75% मामलों में जमानत खारिज कर देती है। कैमरों से वरिष्ठ न्यायाधीन ऐसे मामलों पर सीधे नजर रख संज्ञान ले सकेंगे।
  • कई न्यायाधीशों का वकीलों के प्रति व्यवहार ठीक नहीं रहता है। दोनों पक्षों में विवाद पर हो जाते है। कैमरे होंगे तो वरिष्ठ न्यायाधीश देख सकेंगे कि किस स्तर पर दिक्कत है।
  • न्यायालय परिसर व आस-पास होने वाली घटनाएं, पुलिस का तौर-तरीका कैमरों में कैद होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई संभव: हो सकेगी।


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