वकील ने दिखाया डेथ सर्टिफिकेट, पुलिस ने जिंदा पेश कर दिया

ग्वालियर। हाईकोर्ट में सीताराम का तमाशा बन गया। एक मामले में अनुपस्थित चल रहे सीताराम के खिलाफ वारंट जारी हुआ था। पेशी के रोज वकील ने डेथ सर्टिफिकेट दिखाया वहीं पुलिस ने जिंदा पेश कर दिया। बाद में पता चला कि यह सीताराम, वो सीताराम नहीं ​है जिसके खिलाफ वारंट जारी हुआ। कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

भिंड निवासी किशन सिंह व अन्य ने एक क्रिमिनल अपील दायर की है। अपील में धारा 307 के तहत हुई उम्र कैद की सजा को चुनौती दी गई है। वर्ष 2011 से इस अपील की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है। इस अपील का एक आरोपी सीताराम पुत्र सुमेर सिंह हाईकोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहा था। अनुपस्थिति के चलते हाईकोर्ट ने वारंट जारी किया।

कोर्ट से सीताराम पुत्र सुमेर सिंह का वारंट जारी होना था, लेकिन हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने वारंट सीताराम पुत्र जंडेल सिंह का जारी कर दिया। सोमवार को हाईकोर्ट ने इस अपील की सुनवाई की। सीताराम पुत्र सुमेर सिंह के अधिवक्ता ने कोर्ट में उसका मृत्यु प्रमाण पत्र पेश किया।

कोर्ट को बताया कि सीताराम की मौत हो चुकी है। इसलिए वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ है। कोर्ट ने उसकी मौत के आवेदन को स्वीकार कर किया, लेकिन 10 मिनट बाद भिंड पुलिस दूसरे सीताराम को लेकर कोर्ट में पहुंच गई। मृत व्यक्ति अचानक जिंदा कैसे हो गया। इसे देखकर कोर्ट हैरान रह गया।

रजिस्ट्री से रिकॉर्ड का मिलान किया गया तब सामने आया कि सीताराम पुत्र सुमेर सिंह की जगह सीताराम पुत्र जंडेल सिंह को वारंट जारी हो गया। इस लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार को जांच के आदेश दिए हैं और 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है।

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