भोपाल। व्यापमं घोटाले में लम्बे समय से जेल में बंद व्हीआईपी आरोपियों की खारितदारी में जेल प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। उन्हे टाइमपास करने के लिए जेल में एक कमरा दिया गया है जहां एसी सहित सभी सुविधाएं हैं। आरोपी आराम से बैठकर गप लड़ाते हैं।
यह खुलासा भोपाल से प्रकाशित हिन्दी अखबार 'पत्रिका' ने किया है। अखबार ने दावा किया है जब उनका रिपोर्टर जेल पहुंचा तो घोटाले के आरोप में बंद ये लोग जेलर के वातानुकूलित (एसी) कक्ष में बैठकर गपें मारते नजर आए।
कारागार के प्रमुख द्वार से बाएं हाथ पर लगे चैनल के गेट से घुसकर रिपोर्टर जब जेलर के कक्ष में पहुंचा तो सामने व्यापमं घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके भाई समेत 8 लोगों की महफिल जमी थी। जेलर को शिष्टाचारपूर्ण परिचय देकर रिपोर्टर भी उनके नजदीक ही पड़ी कुर्सी पर बैठ गया।
जेलर की टेबल के ठीक सामने सबसे बायीं ओर सरगना डॉ. जगदीश सागर बैठा हुआ था। उसने हाफ टीशर्ट और पैंट पहन रखी थी। उसके आगे पूर्व मंत्री का तत्कालीन ओएसडी ओपी शुक्ला बैठा हुआ था। झकाझक सफेद कुर्ता और धोती में ठाठ साफ झलक रहे थे।
उसके आगे एक आरोपी डॉक्टर चमचमाती हुई नीली धारी वाली शर्ट और पैंट पहनकर बैठा हुआ था, जो थोड़ी-थोड़ी देर में पूर्व मंत्री के कान में कुछ फुसफुसा रहा था। चौथे नंबर पर मामले के सबसे बड़े आरोपियों में से एक धारीदार रंगीन कुर्ता, सफेद धोती और पूरी तरह सफेद हो चुकी घुंघराली दाढ़ी से ढंके चेहरे वाले पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा बैठे थे। पूर्व मंत्री के आगे उनसे मिलने आए उनके भाई उमाकांत शर्मा बैठे थे। इसके अलावा व्यापमं मामले के दो और आरोपी भी वहीं बैठे हुए थे।
जेल में होने की शिकन तक नहीं
जेलर के कमरे में बैठे सभी आरोपियों के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। न कोई हड़बड़ी थी और न ही कोई जल्दबाजी। बड़ी बेफिक्री से बातें हो रही थीं। कुछ व्यापमं पर तो कुछ इधर-उधर की। इस बीच में किसी ने कहा कि कुछ और भी आने वाले हैं यहां पर तो सब जोर से हंसने लगे।
